किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई, पंजाब सरकार ने कोर्ट के समक्ष जताया दावा
10 जनवरी को होगी अगली सुनवाई
Punjab Farmers Protest (आज समाज) नई दिल्ली: खनौरी व शंभू बार्डर पर जारी पंजाब के किसान आंदोलन को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पंजाब सरकार ने अपना पक्ष रखा। पंजाब सरकार की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल पेश हुए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के बताया कि किसान नेता जगजीत डल्लेवाल कोर्ट की बनाई कमेटी से मिलने के लिए राजी हो गए हैं। उन्होंने कहा कि हमने आंदोलनकारी किसानों को कोर्ट की बनाई हाईपावर कमेटी के अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस नवाब सिंह से मिलने के लिए मना लिया है। उम्मीद है इस मामले में कुछ सकारात्मक निकलेगा। सिब्बल ने इस मामले की सुनवाई कुछ समय बाद करने की अपील की। जिस पर कोर्ट ने इसकी सुनवाई शुक्रवार (10 जनवरी) के लिए तय कर दी।
11 महीने से आंदोलन कर रहे किसान
बता दें कि हरियाणा-पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 11 महीने से किसान आंदोलन चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट में इससे जुड़े 2 मामले चल रहे हैं। पहला मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के शंभू बॉर्डर खोलने के फैसले के खिलाफ हरियाणा सरकार की याचिका का है। दूसरी खनौरी बॉर्डर पर 42 दिन से अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती न कराने की पंजाब सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका है। 2 जनवरी को हुई पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों मामले एक साथ रखने को कहा था।
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