चंडीगढ़ (आज समाज)। दिल्ली अकाली दल के प्रमुख परमजीत सिंह सरना ने सरकारी एजेंसियों पर कुछ विद्रोही तत्वों के माध्यम से श्री अकाल तख्त साहिब की गरिमा को कम करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। सरना ने कहा आज इन एजेंसियों के इशारे पर श्री अकाल तख्त साहिब की पहचान को चुनौती दी जा रही है। उनका मकसद श्री अकाल तख्त साहिब के प्र•ााव को कमजोर करना और सिखों के बीच इसके महत्व को कमर करना है।
दिल्ली अकाली प्रमुख ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने शिरोमणि अकाली दल के खिलाफ विद्रोह करने वाले गुट की शिकायत के बाद पार्टी के अध्यक्ष को तलब किया था। सुखबीर सिंह बादल को अपनी स्थिति को स्पष्ट करने के लिए श्री अकाल तख्त साहिब में आमंत्रित किया गया था, तथा वे एक विनम्र सिख के रूप में पेश हुए और अपनी यात्रा के दौरान फूल •ाी अर्पित किए।
सरना ने कहा दुर्•ााग्य से बागी गुट के कुछ नेता इतनी जल्दबाजी में काम कर रहे हैं कि वे श्री अकाल तख्त साहिब की गरिमा और अधिकार का अनादर कर रहे हैं। उन्होने जोर देकर कहा कि सुखबीर सिंह बादल के स्पष्टीकरण पत्र की समीक्षा स•ाी पांच सिंह साहिबानों की उपस्थिति में की जाएगी, जिससे श्री अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता को बल मिलेगा। सरना ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मुददे पर अकाली विद्रोहियों की चुप्पी की •ाी निंदा की।
उन्होने कहा कि अकाली सरकार के दौरान शुरू की गई जांच और बाद में सीबीआई को सौंपें जाने के बावजूद, किसी •ाी अपराधी की पहचान नही की गई है और कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार या मौजूदा आप प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नही की गई है। सरना ने कहा यदि आवश्यक हो तो हमारी पवित्र संस्थाओं के प्रति सम्मान बनाए रखने और एजेंसियों और उनके एजेंटों से उनकी रक्षा के लिए एक एकीकृत रणनीति बनाई जानी चाहिए।