श्री विष्णु भगवान मंदिर में कार्तिक स्नान के बाद महिलाओं ने जलाशयों में किया दीपदान, जल में बहाईं कागज की नाव।

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After the Kartik bath, the donation of lamps is like ten yagyas--Shankar
After the Kartik bath, the donation of lamps is like ten yagyas--Shankar
  • कार्तिक स्नान के बाद दीप-दान दस यज्ञों के समान–शंकर

नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:

सनातन धर्म में पूरे माह स्नान के लिए पुण्य माने जाने वाले कार्तिक स्नान का बुधवार की अलसुबह पूरे रीति रिवाज के साथ समापन हो गया। आश्विन मास की पूर्णिमा से कार्तिक मास की पूर्णिमा तक चलने वाले इस स्नान पर्व में शहर के रेलवे रोड़ स्थित श्री विष्णु भवान मन्दिर में शशि बाला, उर्मिला देवी, सुशीला देवी, लाली देवी, माया देवी, रेखा गर्ग, सीना, अंजू देवी, ललिता देवी, शशि यादव, केशर देवी, डिम्पल, पारूल, मनीषा सहित अनेक महिलाओं ने बड़े ही उत्साह से हिस्सा लिया।

महिलाओं ने जलाशयों में किया दीपदान

After the Kartik bath, the donation of lamps is like ten yagyas--Shankar
After the Kartik bath, the donation of lamps is like ten yagyas–Shankar

इस दौरान महिलाओं ने पूजा-अर्चना कर जलाशयों में दीप दान किया तथा कागज की नाव बनाकर जल में बहाई। श्री हरि अर्थात भगवान विष्णु को समर्पित कार्तिक मास में व्रत, स्नान, यम-नियम का पालन किया जाता है। महिलाओं ने पूरे महीने कार्तिक के मंगल गीत गाए। धर्म शास्त्रों में कार्तिक मास स्नान का तीर्थ स्थल से प्रवाहित नदियों में विशेष महत्व बताया गया है। इस मास में तुलसी व पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जलाना चाहिए। जिससे जीवन की सभी विघ्न बाधाएं दूर हो जाती हैं।

कार्तिक स्नान करने वाली महिलाओं ने रोज सूर्य भगवान को अर्घ देकर मंदिर परिसर में बैठकर कथा का श्रवण किया। इससे विष्णु भगवान प्रसन्न होते हैं। कार्तिक मास में आने वाली पूर्णिमा वर्षभर की पवित्र पूर्णमासियों में विशेष है। इस दिन किये जाने वाले दान-पुण्य के कार्य विशेष फलदायी होते हैं। कार्तिक का महीना भगवान विष्णु को समर्पित है। कार्तिक पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य का अवतार धारण किया था, जिन्हें भगवान विष्णु का प्रथम अवतार भी माना जाता है।

कार्तिक स्नान के बाद दीप-दान दस यज्ञों के समान–शंकर

कार्तिक स्नान के महत्व के संबंध में मंदिर प्रभारी शंकर लाल ने बताया कि जो व्यक्ति कार्तिक मास में इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर नित्य स्नान कर यम नियम का पालन कर भगवान विष्णु की आराधना करता है, उसके सभी मनोरथ पूरे हो जाते हैं। पाप का नाश हो जाता है अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती हैं। आमतौर पर इस दिन गंगा स्नान के बाद दीप-दान किया जाना चाहिए। इस दीप-दान को दस यज्ञों के समान माना जाता है। उन्होंने बताया कि कार्तिक का महीना भगवान विष्णु का प्रिय महीना है और इस महीने पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य मिलता है। कहते हैं कि इस माह में देवउठनी एकादशी को भगवान विष्णु अपनी योगनिद्रा से जाग जाते हैं और इसके बाद ही हिंदू धर्म में मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। कार्तिक माह का स्नान विशेष महत्व रखता है और यदि आप पवित्र नदियों में स्नान नहीं कर सकते तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर उससे स्नान करें। जो व्यक्ति कार्तिक स्नान करता है उसे पुण्य फल प्राप्त होता है। साथ ही इस दौरान स्नान के बाद पूजा करनी चाहिए और फिर कथा भी पढ़नी चाहिए।

इस दौरान अनेक महिलाओं ने पूजा-अर्चना की

इस दौरान शशि बाला, उर्मिला देवी, सुशीला देवी, लाली देवी, माया देवी, रेखा गर्ग, सिना, अंजू देवी, ललिता देवी, शशि यादव, केसर देवी, डिम्पल, पारूल, मनीषा सहित अनेक महिलाओं ने पूजा-अर्चना की।

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