चंडीगढ़। सिटी ब्यूटीफुल में पूरी तरह से डिजल आॅटो बैन होने के बावजूद भी ट्राई सिटी से आने वाले सैकड़ो डिजल आॅटो शहर की सड़कों पर धडल्ले से दौड़ रही है। लेकिन शहर की ट्रैफिक पुलिस समेत एम वी आई पूरी तरह से मूक दर्शक बन कर तमाशा देख रही है। डिजल आॅटो चालकों को ट्रैफिक पुलिस समेत एमवीआई का जरा सा काी डर नहीं है। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर ट्रैफिक पुलिस की तरफ से इतनी सख्ती की बाद काी शहर की सड़को पर डिजल आॅटो कैसे फरार्टे कार रहे हैं। बता दें कि शहर में डिजल आॅटो पूरी तरह से बैन है। जिसके बाद काी रोजाना शहर की सड़कों पर डिजल आॅटो चालकों द्वारा फरार्टे कारे जा रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि कई रूटों पर तो सैंकड़ों आॅटो बिना रजिस्ट्रेशन और टैम्परेरी नंबर पर चल रहे हैं। अगर कोई वारदात हो जाए तो इन आॅटो वालों को ट्रेस करना काी मुश्किल हो जाएगा। चिंता की बात यह है कि रात को आॅटो चालक शराब पीकर आटो चलाते हैं और मनमानी तरीके से किराया वसूल करते हैं। ध्यान रहे कि आॅटो चालकों को आॅटो मालिक किराए पर आॅटो दे देता है। जिन आॅटो चालकों को आॅटो किराए पर दिया जाता है उनमें कुछ के पास लाइसैंस काी नहीं हैं। क्या प्रशासन व पुलिस दुर्घटना होने के बाद नींद से जागेगा। एक आॅटो चालक से पूछा कि वह कितने समय से बिना रजिस्ट्रेशन के आॅटो चला रहा है तो उसने कहा कि करीब ढ़ाई साल से बिना रजिस्ट्रेशन से चला रहा है।
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गैंगरेप के बाद भी शहर की पुलिस नींद में मदमस्त
बता दें कि सेक्टर-३६ थाने के अंतर्गत अकाी कुछ ही साल पहले देर रात में कोचिंग कर घर लौट रही एक युवती से आॅटो चालकों द्वारा गैंगरेप किया गया था। साथ ही एक युवती से जबरदस्ती करने की कोशिश की गई थी। लेकिन युवती को वहां से गुजर रहे सीटीयू बस चालक और कंडक्टर ने आॅटो चालक के चंगुुल से बचाया था। इन दोनों वारदातों को अंजाम देने वाले आॅटो चालकों द्वारा चलाए जा रहे आॅटो के टैम्परेरी नंबर थे। शहर में बेखौफ टैम्परेरी नंबर के आॅटो चालकों के आगे पुलिस बेबस है।
कोट्स
अकाी कोरोना संक्रमण को देखते हुए आॅटो चालकों द्वारा दौड़ाए जा रहे आॅटो पर पूरी तरह से नजर नहीं रखा जा रहा है। लेकिन जैसे ही कोरोना संक्रमण में थोड़ी बहुत कमी आएगी। उसके बाद फौरन डिजल आॅटो समेत ट्रेप्रेरी नंबर वाले आॅटो चालकों का धडल्ले से चालान किया जाएगा। हालांकि इस समय ट्रैफिक पुलिस समेत एमवीआई की तरफ से काी चालान किए जा रहे हैं।
जयलाल मावी, इंस्पेक्टर एमवीआई
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