मुंबई। सचिन तेंदुलकर और गौतम गंभीर जैसे भारत के पूर्व टेस्ट खिलाड़ियों ने आईसीसी के चार दिनी टेस्ट के आइडिया को नकार दिया है। एक दिन पहले भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने भी इस आइडिया को नकार दिया था। इन दोनों का विचार है कि टेस्ट में पांचवें दिन स्पिनरों का बोलबाला रहता है और वे हालात का फायदा उठाकर अपनी टीम के लिए योगदान देते हैं लेकिन आईसीसी का यह आइडिया उसने उनका यह हक छीन लेगा।
सचिन ने मुंबई मिरर से कहा, स्पिनर पुरानी हो चुकी गेंद और टूटी हुई विकेट का फायदा उठाकर पांचवें दिन कमाल करते हैं। यह सब टेस्ट क्रिकेट का हिस्सा है। ऐसे में क्या यह उचित होगा कि स्पिनरों का यह हक उनसे छीना जाए। सचिन ने कहा, आज टी-20 हो रहे हैं। वनडे हो रहे हैं और अब तो टी-10 भी होने लगे हैं। ऐसे में क्रिकेट के सबसे प्यूरेस्ट फॉर्म के साथ छेड़छाड़ जायज नहीं है। इसकी कोई जरूरत नहीं है। सचिन ने यह भी कहा कि टेस्ट से एक दिन कम करने से इस खेल को लोकप्रिय नहीं बनाया जा सकता। इसकी जगह आईसीसी को पिचों की क्वालिटी पर ध्यान देना चाहिए।
इससे पहले, गंभीर ने भारतीय कप्तान कोहली का समर्थन करते हुए कहा कि वह भी आईसीसी के इस प्रस्ताव के पक्ष में नहीं हैं। गंभीर ने कहा, यह हास्यास्पद विचार है। टेस्ट से एक दिन कम करने से परिणाम नहीं आएंगे और फिर नई तरह की बातें शुरू हो जाएंगी।
कोहली ने शनिवार को कहा था कि वह आईसीसी के चार दिन के टेस्ट मैच के पक्ष में नहीं हैं क्योंकि उनना मानना है कि यह खेल के सबसे शुद्ध प्रारूप के साथ न्याय नहीं होगा। कोहली के मुताबिक टेस्ट क्रिकेट को आगे ले जाने के लिए डे-नाइट टेस्ट बहुत है क्योंकि इसके माध्यम से टेस्ट क्रिकेट का व्यापक बाजारीकरण किया जा सकता है।
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