नई दिल्ली। एनआरसी लागू करने संबंधित मुद्दे पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को अपना बयान दिया। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि एनआरसी उत्तराखंड में लागू किया जाएगा। नेशनल रजिस्टर आॅफ सिटीजन यानी एनआरसी का उद्देश्य देश के वास्तविक नागरिकों को दर्ज करना और अवैध प्रवासियों की शिनाख्त करना है। असम में ऐसा पहली बार साल 1951 में पंडित नेहरू की सरकार द्वारा असम के तत्कालीन मुख्यमंत्री गोपीनाथ बारदोलोई को शांत करने के लिए किया गया था। बता दें कि उत्तराखंड सामरिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण राज्य है। क्योंकि इसकी सीमाएं चीन और नेपाल से मिलती हैं। सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमान्त प्रदेश होने के कारण उत्तराखंड में भी एनआरसी लागू किया जा सकता है। इस संबंध में वह मंत्रिमंडल से विचार विमर्श करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर आवश्यकता पड़ी तो उत्तराखंड में भी एनआरसी लागू किया जाएगा।