
स्कीम ने 56 मिलियन से ज्यादा डाउनलोड को किया प्रभावित
Google Play Store (आज समाज) नई दिल्ली: गूगल द्वारा अपने प्ले स्टोर से 180 से ज्यादा ऐप्स को हाटाने का मामला सामने आया है। इन ऐप्स को हटाने का कारण ऐड-फ्रॉड स्कीम है। इन ऐप्स द्वारा यूजर्स, विज्ञापनदाताओं और ऐप डेवलपर्स को नुकसान पहुंचाने का मामला उजागर होने के बाद गूगल ने यह कार्रवाई की है। एक रिपोर्ट के अनुसार इन ऐप्स ने 56 मिलियन से ज्यादा डाउनलोड्स को प्रभावित किया है।
फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टेक दिग्गज ने स्थिति को कंट्रोल करने की कोशिश की। समस्या को ठीक करने के लिए सिक्योरिटी पैच रोल आउट किए। हालांकि, इन कोशिशों से प्रॉब्लम को पूरी तरह से सॉल्व नहीं किया जा सका, जिसके चलते गूगल के पास धोखाधड़ी करने वाले ऐप्स को स्टोर से हटाने के अलावा कोई आॅप्शन नहीं बचा।
सामान्य मैलवेयर से अलग होती है ऐड फ्रॉड स्कीम
ऐड फ्रॉड स्कीम सामान्य मैलवेयर से अलग होती है। ये डेटा चुराने या डिवाइस को नुकसान पहुंचाने के बजाय, इसमें अपराधी एडवरटाइजर्स को नकली यूजर एंगेजमेंट के लिए पेमेंट करने के लिए छलते हैं। ये नकली इंटरैक्शन्स ऐसा दिखाते हैं जैसे विज्ञापन असली यूजर्स को दिखाए जा रहे हों, जबकि ऐसा होता नहीं। कुछ मामलों में यूजर्स को विज्ञापन दिखते हैं, लेकिन इतनी ज्यादा फ्रीक्वेंसी के साथ कि उनका ऐप एक्सपीरियंस खराब हो जाता है और वे प्ले स्टोर से दूर हो सकते हैं।
अपराधियों ने बनाए भ्रामक ऐप्स, पॉपुलर कैटेगरी में किया लिस्ट
इस स्कीम से जुड़े अपराधियों ने भ्रामक ऐप्स बनाए और इन्हें पॉपुलर कैटेगरी में लिस्ट किया। यूजर्स अनजाने में इन ऐप्स को डाउनलोड कर लेते थे, जिसके बाद उन्हें गैरजरूरी विज्ञापन की बौछार का सामना करना पड़ता था। इनमें से कुछ ऐप्स में न तो कोई विजिबल आइकन होता था और न ही ओपन बटन, जिससे यूजर्स के लिए इन प्रॉब्लमैटिक ऐप्स को ढूंढना और डिलीट करना मुश्किल हो जाता था।
गूगल प्ले प्रोटेक्ट को भी दिया चकमा
ये स्कीम सिर्फ यूजर्स को ही नुकसान नहीं पहुंचाती थी। इसने उन एडवरटाइजर्स को भी प्रभावित किया जो अपने प्रोडक्ट्स को प्रमोट करने के लिए पैसे खर्च करते हैं और उन जेनुइन ऐप डेवलपर्स को भी, जो विज्ञापन रेवेन्यू पर निर्भर रहते हैं। ये स्कीम गूगल प्ले प्रोटेक्ट को भी चकमा देने में सफल रही, जो कि एंड्रायड का बिल्ट-इन सिक्योरिटी फीचर है और हानिकारक ऐप्स से बचाने के लिए डिजाइन किया गया है।
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