लुधियाना/सुल्तानपुर लोधी, 7 नवम्बर: मूल मंत्र की उत्पत्ति का आधार पवित्र काली वेईं में संगत द्वारा पहली पातशाही के प्रकाश दिवस के मौके पर स्नान करने का सपना दशकों बाद संपूर्ण हो गया है। पंजाब सरकार द्वारा श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर पवित्र काली वेईं में संगत के स्नान के लिए पुख्ता प्रबंध करने का ऐलान किया गया, जो हकीकत में बदल गया है। पवित्र शहर सुल्तानपुर लोधी स्थित गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में नतमस्तक होने आई संगत माथा टेकने से पहले पवित्र वेईं में स्नान करने और चूला लेने को अपना सौभाग्य समझती है।
गुरुद्वारा श्री संत घाट से लेकर बूसोवाल मोड़ तक 4 किलोमीटर के क्षेत्र में वेईं के किनारों पर बने घाटों के द्वारा श्रद्धालु स्नान करके अपना तन, मन पवित्र कर रहे हैं। पंजाब सरकार द्वारा कुल लोक की श्रद्धा की केंद्र इस वेईं के किनारों को 4.96 करोड़ रुपए के साथ पक्का करके मुकेरियाँ हाइडल से रोज़मर्रा की 500 क्यूसिक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे वेईं का पानी निर्मल हो गया है।
गुरपर्व के मौके पर माथा टेकने आए श्रद्धालु बगीचा सिंह, निवासी फतेहगढ़ पंजतूर ने कहा कि वह पिछले 21 साल से लगातार सुल्तानपुर लोधी आ रहे हैं, परन्तु पहली बार उन्होंने पवित्र वेईं में स्नान किया है। जिला प्रशासन द्वारा वेईं किनारे महिलाओं के स्नान करने के लिए अलग स्नान घर भी तैयार किया गया है।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पंजाब सरकार द्वारा वेईं पर बनाए गए दो हाईलेवल ब्रिज भी संगत के लिए बहुत उपयोगी साबित हो रहे हैं। संगत इन पुलों के द्वारा मुख्य पंडाल से सीधा वेईं पर स्नान करके गुरुद्वारा श्री बेर साहिब के दर्शन करने जा रही है।
वेईं में स्नान करने और समागमों के दौरान वेईं के किनारों पर चलने वाली संगत के लिए सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबंध किये गए हैं। जहाँ 4 किलोमीटर तक दोनों तरफ रेलिंग लगाई गई है वहीं एन.डी.आर.एफ. और एस.डी.आर.एफ. के 89 के तैराक तैनात हैं वहीं 12 विशेष किश्तियां भी किसी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए वेईं में गश्त कर रही हैं। इसके अलावा 12 वॉच टावर स्थापित किये गए हैं जिससे दूर तक निगरानी रखी जा सके।