नईदिल्ली। कोरोना वायरस ने पूरे देश में अपनी भयानक और खौफनाक तस्वीरेंदिखा दी है। कोरोना संक्रमण के कारण हर रोज लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैंऔर हजारों की मौत भी हर रोज हो रही है। अब इस डेडली कोरोना वायरस के बाद एक और बीमारी है जो लोगोंके लिए मुसीबत बनी हुईहै। म्यूकोरमाइकोसिस बीमारी का खतरा लोगों में बढ़ रहा है। देश के दस राज्यों में म्यूकोरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस बीमारी देखने को मिल रही है। इस खतरनाक बीमारी मेंमरीज की आंख की रोशनी जाने और जबड़े और नाक की हड्डी गलनेलगती है। इस बीमारी की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस बीमारी से पीड़ित मरीज को सीधे आईसीयू में भर्ती करना पड़ रहा है।
कई राज्यों मेंइस बीमारी के मरीज देखने को मिल रहे हैं। गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान आदि राज्यों में इस बीमारी के मरीज मिल रहे हैं। यह बीमारी कोरोना वायरस के ठीक होने के बाद लग रही है। मरीजों मेंयह बीमारी कोरोना वायरस के ठीक होने के बाद देखी जा रही है।
इस बीमारी के मरीज इस वक्त गुजरात में सबसे ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। म्यूकोरमाइकोसिस बीमारी से निपटने के लिए अलग वार्ड भी गुजरात में बनाए जा रहे हैं। यहां अबतक 100 से ज्यादा मामले सामने आ गए हैं। इनमें से कई मरीजों की आंख की रोशनी तक जा चुकी है।
महाराष्ट्र में भी ब्लैग फंगस के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। बता दें कि यह राज्य कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि राज्य में अबतक दो हजार से ज्यादा म्यूकोरमाइकोसिस के मामले सामने आ चुके हैं।
राजस्थान केजयपुर में 14 से ज्यादा मरीज ब्लैक फंगस केमिले हैं। कई मरीजों ने अपनी आंख की रोशनी तक खो दी है। जबकि मध्यप्रदेश में म्यूकोरमाइकोसिस के कारण 50 से अधिक मामले सामने आए और दो लोगों की जान चली गई है। हैदराबाद में भी ब्लैक फंगस के 60 के करीब मामले सामने आ चुके हैं।
इन पांच राज्यों के अलावा कर्नाटक बंगलूरू में पिछले दो हफ्तों में इस बीमारी के 38 मामले सामने आए हैं।
अमेरिका के सीडीसी ने जानकारी दी कि ब्लैक फंगस गंभीर इंफेक्शन है, जो मोल्ड्स या फंगी के एक समूह की वजह से होता है। यह साइनस या फेफड़ों को प्रभावित कर रहा है।
ब्लैक फंगस लक्षण
ब्लैक फंगस बीमारी उन मरीजों में देखने को मिल रही हैजो कोरोना वायरस से तो ठीक हो गए हैंलेकिन इसके दो तीन दिन बाद उनके अंदर यह फंगल इन्फेक्शन देखने को मिल रहा है। कोरोना से ठीक होने के दो-तीन दिन बाद पहले ये संक्रमण साइनस में दिखता है और उसके बाद आंख तक जाता है। इसके कारण लोग अपने आंखों की र ोशनी तक खो रहे हैं। जबकि यह अगले 24 घंटे में ये फंगस दिमाग तक हावी हो सकता है। उन लोगों को इसका सबसे अधिक खतरा है जिनकी इम्यूनिटी कम है। डायबिटीज वाले रोगियों पर भी इसका खतरा ज्यादा हो सकता है और जिनके साथ स्वास्थ्य समस्याएं हैं, वो इसके लिए चपेटे में आ सकते हैं। ये सामान्य तौर पर उन मरीजों में ज्यादा देखा जा रहा है, जो कोरोना से ठीक हुए हैं और जिन्हें पहले से कोई बीमारी थी।