नई दिल्ली। दिल्ली एक गैस चेंबर जैसा बन चुका है। दिल्ली की हवा पूरी तरह से प्रदूषित हो चुकी है। वहां सांस लेना मुश्किल हो चला है। दिल्ली के प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट काफी सख्त दिखा। सुप्रीम कोर्ट ने पराली को लेकर अपनी सख्ती दिखाई। दरअसल पराली जलाने से भी प्रदूषण अत्यधिक होता है। सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण और पराली के जलाए जाने को लेकर सख्ती दिखाते हुए इस मुद्दे पर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को समन जारी किया है और कोर्ट के समक्ष पेश होने को कहा। वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा ने सख्त लहजे में कहा कि हम राज्य के मुख्य सचिव को तलब करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि जो ग्राम प्रधान, स्थानीय अधिकारी, पुलिस पराली के जलाने पर नियंत्रण नहीं करते हैं, उन्हें उनके पोस्ट से हटा दिया जाना चाहिए। जस्टिस अरुण मिश्रा ने दिल्ली में आॅड-ईवन पर भी सवाल उठाया और कहा कि कार कम प्रदूषण पैदा करते हैं, इस आॅड-ईवन से आपको (दिल्ली) क्या मिल रहा है?। जस्टिस अरुण मिश्रा ने दिल्ली सरकार से कहा कि आॅड-ईवन योजना को पीछे क्या लॉजिक है? डीजल कारों पर प्रतिबंध लगाना समझ में आता है, मगर इस आॅड-ईवन का क्या मतलब है…इससे पहले दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केन्द्र और दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है।