आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अयोध्या मेंराम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन संपन्न हुआ। मंत्रोचार के साथ आधारशिलाओं की पूजा अर्चना की गई। वैश्विक महामारी कोरोना को देखते हुए बहुत ही सीमित लोगों को इस कार्यक्रम के लिए बुलाया गया था। इस कार्यक्रम के वक्त मंच पर केवल पांच लोग उपस्थित रहे। आज का यह दिन सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए निर्णय के बाद ही संभव हो पाया है। सुप्रीम कोर्ट में रामलला विराजमान का पक्ष रखने वालेवरिष्ठ वकील के. परासरण थे। उन्होंने कोर्ट मेंराम लला के पक्ष में मजबूत और तत्थयात्मक दलीले रखीं थी। उन्होंने भी आज के भूमि पूजन के कार्यक्रम को टीवी पर देखा। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष द्वारा ट्विटर पर शेयर की गई तस्वीर में परासरण काफी भावुक नजर आ रहे थे। परासरण को राममंदिर के निर्माण के लिए गठित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास में संस्थापक सदस्य बनाया गया है। उनके निवास आर-20, ग्रेटर कैलाश पार्ट 1 के पते पर ही इस ट्रस्ट को पंजीकृत भी किया गया है। परासरण को पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है। उनका जन्म तमिलनाडु के श्रीरंगम मेंहुआ था। परासरण ने 1958 में सुप्रीम कोर्ट में वकील के तौर पर प्रैक्टिस शुरू की। हिंदू शास्त्रों के अच्छे जानकार परासरण वकीलों के खानदान से आते हैं। वे दो बार देश के अटॉर्नी जनरल रह चुके हैं। परासरण की उम्र 92 वर्ष के हैं। वे राष्ट्रपति द्वारा छह साल के लिए राज्यसभा के लिए भी चुने गए।