नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लगातार प्रदर्शन जारी हैं। जामिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में हिंसा और प्रदर्शन हुआ। पुलिस ने उपद्रवी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की। इस मामले पर सीनियर वकील इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट में दस्तक दी और सुप्रीम कोर्ट इस अर्जी पर सुनवाई को तैयार हो गया है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा। बता दें कि सीनियर वकील इंदिरा जयसिंह ने चीफ जस्टिस बोबडे की बेंच को मामले का स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया है। इंदिरा जय सिंह ने इसे मानव अधिकार हनन का गंभीर मामला बताया है। बता दें कि जामिया यूनिवर्सिटी को पांच जनवरी तक बंद कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हिंसा के संबंध में रविवार को दो मामले दर्ज किए। वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय ने जामिया विश्वविद्यालय में छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में दाखिल याचिका को सुनवाई के लिए तुरंत सूचीबद्ध करने से इनकार किया। गौरतलब है कि नागरिका संशोधन कानून के विरोध में जामिया के समीप न्यू फ्रेंडस कॉलोनी में प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली डीटीसी की चार बसों और दो पुलिस वाहनों में आग लगा दी। झड़प में छात्रों, पुलिसकर्मियों और दमकलकर्मी समेत करीब 60 लोग घायल हो गए। वहीं दूसरी ओर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भी पुलिस के साथ छात्रों की झड़प हुई, वहां भी कई लोग घायल हुए।
इसके बाद प्रशासन ने आज इंटरनेट पर रोक लगा दी है। पुलिस ने हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प से तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। सड़कों पर आगजनी और झड़प के बाद दिल्ली पुलिस जामिया विश्वविद्यालय के परिसर में घुस गई जहां हिंसा में कथित तौर पर शामिल होने को लेकर कई लोगों को हिरासत में ले लिया, हालांकि, 6 घंटे हिरासत में रखने के बाद छात्रों को छोड़ दिया गया। हालांकि सोमवार सुबह से भी पुलिस की इस कार्रवाई को जामिया के छात्रों ने विरोध किया और कड़कड़ाती ठंड में कपड़े उतारकर प्रदर्शन कर रहे थे।