Aaj Samaj (आज समाज),Advisory Issued to Curb Cyber Crime,पानीपत: पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने ऐसे साइबर स्कैमर्स से सावधान रहने की सलाह देते हुए बताया कि साइबर अपराधी ईमेल, व्हाट्सएप जैसे माध्यम से क्यूआर कोड भेजकर लोगों के बैंक खातों को हैक कर ठगी करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज के युग में स्मार्ट फोन के बढ़ते उपयोग और मोबाइल ऐप व इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से भुगतान के नए तरीकों से साइबर धोखाधड़ी बढी है। ऐसे जालसाजों से बचने के लिए ऑनलाइन भुगतान के हर विवरण पर पूरा ध्यान देना चाहिए। उन्होंने नागरिकों से किसी तरह के प्रलोभन या बहकावे में न आने का भी आग्रह किया।
- क्यूआर कोड स्कैन करते समय बरते विशेष सतर्कता: पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत
- अज्ञात व्यक्तियों से प्राप्त क्विक रिस्पांस (क्यूआर) कोड की स्कैनिंग करते समय विशेष सतर्कता बरतते हुए इससे बचें
क्यूआर कोड धन प्राप्ति की बजाय केवल भुगतान के लिए होता है प्रयोग
साइबर अपराध के तरीके बारे बताते हुए उन्होंने कहा कि सबसे पहले, ये स्कैमर्स सेकंड हैंड सामान के लिए खरीददार या विक्रेता बनकर लोगों को भुगतान में आसानी के लिए एक क्यूआर कोड भेजकर स्कैन करने के लिए कहते हैं। जैसे ही रिसीवर्स कोड स्कैन करते हैं, उनके खाते से पैसे कट जाते हैं। इसके अतिरिक्त, दुकानदारों को भी थोक ऑर्डर की पेशकश के साथ लालच दिया जाता है और बाद में भुगतान प्राप्त करने के लिए क्यूआर कोड भेजकर धोखा दिया जाता है। बाद में आरोपी सामान भी वितरित नहीं करते। उन्होंने यूपीआई या अन्य वॉलेट्स द्वारा ऑनलाइन भुगतान करने के लिए एहतियाती उपाय सुझाते हुए कहा कि क्यूआर कोड धन प्राप्ति की बजाय केवल भुगतान के लिए प्रयोग होता है।
क्यूआर कोड की स्कैनिंग से बचना चाहिए
नागरिकों को अज्ञात व्यक्तियों द्वारा भेजे गए क्यूआर कोड की स्कैनिंग से बचना चाहिए और संदिग्ध पतों से आई ईमेल, व्हाट्सएप व टेक्स्ट संदेशों का जवाब नहीं देना चाहिए। सतर्कता के साथ, हर व्यक्ति साइबर अपराध को रोककर निर्दोष लोगों को इसका शिकार बनने से रोकने में मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार होने पर तुरंत ऑनलाइन साइबर क्राईम पोर्टल WWW.cybercrime.gov.in पर या हेल्प लाइन नंबर 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करवाए। इसके अतिरिक्त नजदीकी किसी भी पुलिस स्टेशन में जाकर साइबर हेल्प डेस्क की भी मदद ले सकते है।