आज समाज डिजिटल, चंडीगढ़ः
Admission closed under Rule 134A: हरियाणा में निजी स्कूलों में 134-ए के तहत अब दाखिले नहीं होंगे। सरकार ने इस नियमों को समाप्त करने का निर्णय लिया है। एक्ट 134-ए की बाध्यता समाप्त होने से प्राइवेट स्कूल संचालकों ने राहत की सांस ली है।(Admission closed under Rule 34A) हालांकि पिछले लंबे समय से निजी स्कूल संचालक और सरकार के बीच नियम 134-ए के दाखिलों को लेकर गतिरोध बना हुआ था। सरकार की ओर से दी जाने वाली राशि को लेकर निजी स्कूल संचालकों में रोष था, जिसके चलते वे नियम 134-ए के तहत दाखिला करने को लेकर निजी स्कूल विरोध जता रहे थे और बच्चों के अभिभावक भी असमंझस में थे।
राज्य सरकार ने 134-ए के दाखिले के आशय की अधिसूचना की जारी
राज्य सरकार की ओर से 134-ए के दाखिले के आशय की अधिसूचना जारी कर दी गई है। हरियाणा राज्य स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण की ओर से इस आशय की सूचना भी जारी कर दी गई है।(Admission closed under Rule 134A) वैसे, इस नियम को लेकर निजी स्कूल संचालकों और अभिभावकों के बीच में भारी खींचतान राज्य के अधिकांश जिलों में चली आ रही थी, परेशान स्कूल संचालकों ने इस संबंध में बैठकें करने और अफसरों से गुहार लगाकर उनके सामने खड़ी चुनौती के बारे में बताया था लेकिन सुनवाई नहीं होने पर वे हाई कोर्ट का रुख कर गए थे। अब अधिसूचना जारी हो जाने के बाद में निजी स्कूल संचालक पहले से पढ़ने वाले बच्चों को लेकर भी स्थिति साफ करने की गुहार अफसरों से लगाने लगे हैं।
स्कूल संचालकों और अभिभावकों के बीच चलने वाला गतिरोध भी समाप्त
हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल्स कांफ्रेंस प्रदेश प्रवक्ता सौरभ कपूर और बाकी संचालकों का दावा है कि एचपीएससी द्वारा चलाई मुहिम का असर यह है कि उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार की तरफ से 28 मार्च 2022 को नोटिफिकेशन निकाल दी गई है। सरकार द्वारा रूल 134 ए को खत्म किए जाने के बाद अब स्कूल संचालकों और अभिभावकों के बीच चलने वाला गतिरोध भी समाप्त हो जाएगा। सालों से रूल के तहत निजी स्कूल संचालकों पर सरकार द्वारा गलत तरीके से मुफ्त एडमिशन देने का दबाव बनाया जाता था। उन्होंने कहा कि एचपीएससी के बैनर तले सभी निजी स्कूलों ने मिलकर विरोध किया और सरकार के फैसले को बताया था। जिसके बाद अब सरकार ने रूल 134 ए को खत्म किया है।
हम कभी भी 134-ए के खिलाफ नही थे : कुलभूषण शर्मा
134ए को समाप्त करने पर प्रतिक्रिया देते हुए निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा, हम कभी भी 134-ए के खिलाफ नही थे हमारा विरोध चयन प्रक्रिया और भुगतान प्रक्रिया को लेकर था, सरकार अगर 12(1)(C) के अनुसार चयन और नियमित रूप से कानून के अनुसार भुगतान करती रहती तो ना तो गरीब अभिभावकों को दिक्कत आती और ना ही खत्म करने की जरूरत पड़ती। कुलभूषण शर्मा ने कहा कि सरकार 134-ए को खत्म कर पुराने भुगतान से बच नही सकती उसे तुरंत प्राइवेट स्कूलों का लंबित भुगतान अदा करना चाहिए और उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकार यह भी स्पष्ट करें कि 75000 जो विद्यार्थी 134A के तहत स्कूलों में पढ़ रहे है उनका क्या होगा और 9वी से 12वी कक्षा में 134A के तहत पढ़ रहे विद्यार्थियों की भुगतान राशि भी सरकार घोषित करें ताकि उनके भुगतान के लिए भी स्कूल आवेदन कर सकें।