नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
शहर में घूमते आवारा पशु लोगों के लिए भारी परेशानी का सबब बने हुए हैं। आए दिन सांडों से चोटिल होने की घटनाएं लोगों की चर्चाओं में रहती हैं। हाल ही में हुई सांड के टक्कर मारने की एक दु:खद घटना में शहर के एक व्यक्ति को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
आवारा सांडों की वजह से लोग परेशानी में
उक्त उद्गार व्यक्त करते हुए हरियाणा गौसेवा आयोग के पूर्व सदस्य व मोदाश्रम का कार्यभार देख रहे प्रधान दयाशंकर तिवाड़ी ने कहा कि शहर की सड़कें आवारा सांडों का आश्रय स्थल बन चुकी हैं। ये आवारा पशु आने-जाने वाले लोगों से खाने-पीने की वस्तुएं छीनते या ख़राब करते हैं। रास्ते चलते लोगों को यूं ही सींग मार देने व उठाकर पटक देने की दु:खद घटनाएं अनेक बार घटित हो चुकी हैं। इन पशुओं को भोजन की तलाश में सडकों पर पड़े कूड़े के ढ़ेर में मुंह मारते देखा जा सकता है। कभी-कभार तो सड़कें इनका युद्धस्थल बन जाया करती हैं। लोगो को इन्हें पानी डालकर व लाठी का डर दिखाकर दूर भगाने का प्रयास करते देखे जा सकते हैं। शहर की सब्जी मंडी में तो आवारा पशुओं की भरमार देखी जा सकती है। बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को तो इनसे अपना बचाव करना बड़ा मुश्किल हो जाता है।
आवारा सांड के कहर से शहर के एक बुजुर्ग की गई जान
उन्होंने बताया कि स्थानीय दोहान नदी क्षेत्र स्थित मोदाश्रम मंदिर में प्रतिदिन सुबह-शाम आने जाने वाले श्रद्धालुओं को पल-पल यह डर लगा रहता है कि इस क्षेत्र में विचरण करते आवारा पशु कभी भी किसी को भी चोट पंहुचा सकते हैं। तिवाड़ी ने बताया कि कुछ रोज पूर्व आवारा सांड के कहर का शिकार बने शहर के मौहल्ला तिवाड़ियान से बुजुर्ग बालाराम तिवाड़ी को अपनी जान से हाथ धोना पड़ गया। रविवार को उनका अन्तिम संस्कार किया गया।
उन्होंने शासन-प्रशासन से मांग की है कि इन आवारा सांडों की रघुनाथपुरा व अन्य गौशालाओं में तत्काल भेजने की व्यवस्था की जाए ताकि लोगों को इस विकट समस्या से निजात मिल सके।
ये भी पढ़ें : महिलाओं काे अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने की जरूरत: रजनी गुप्ता
ये भी पढ़ें : पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्रो. दलजीत कुमार को मिला प्रशस्ति–पत्र