राज्यसभा में विपक्ष के नेता व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर पहुंचे। उन्होंने अदालत से अपील की थी कि उन्हें कश्मीर जाने की इजाजत दी जाए। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा कश्मीर से धारा-370 हटाए जाने के बाद से ही कांग्रेस इसका विरोध कर रही थी। कश्मीर में जाने के बाद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कश्मीर में हालात बद से बदतर हैं। जम्मू-कश्मीर के हालात पर सर्वोच्च न्यायालय में कोई रिपोर्ट देने पर दिल्ली जाकर फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कश्मीर के दौरे के दौरान मुझे स्थानीय प्रशासन ने दस फीसदी स्थानों पर ही जाने की अनुमति दी। गौरतलब है कि आजाद इसके पहले तीन बार कश्मीर जाने का प्रयास कर चुके थे। केंद्र सरकार द्वारा आर्टिकल-370 हटाए जाने के बाद से ही गुलाम नबी आजाद वहां जाना चाहते थे। शुरुआत में उन्हें एयरपोर्ट से ही बैंरग वापिस भेज दिया गया था। अनुच्छेद 370 के हटने के करीब पौने दो माह बाद आजाद को सर्वोच्च न्यायालय से छह दिन के दौरे की अनुमति मिली है। विपक्षी नेताओं पर पाबंदियों पर आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में किसी को अपनी बात रखने की इजाजत नहीं है। आजाद ने शाम को पार्टी कैडर के अलावा अन्य लोगों से बातचीत की। इसमें जम्मू-कश्मीर के हालात के अलावा अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। आजाद अपने छह दिन के दौरे में घाटी में श्रीनगर, बारामूला, अनंतनाग के बाद जम्मू में दो दिन रहेंगे। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद प्रदेश कांग्रेस के अधिकतर शीर्ष नेताओं पर पाबंदियां जारी हैं।