Aaj Samaj (आज समाज),Aditya Pratap Dabas,करनाल, 27मई, इशिका ठाकुर : करनाल कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. आदित्य प्रताप डबास ने बताया कि लगातार गिरते हुए भू-जल स्तर को सुधारने व फसल विविधिकरण को बढाने के लिए विभाग की तरफ से जिला करनाल के किसानों से धान फसल लगाने की बजाय वैकल्पिक फसलों की बिजाई करने की अपील की जाती है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा वैकल्पिक फसलों जैसे-मक्का, कपास, खरीफ दाले (अरहर, मूंग, मोठ, उड़द, ग्वार, सोयाबिन), खरीफ तिलहन (तिल, अरण्डी, मुगंफली) चारा फसले, खरीफ प्याज, सब्जियां यहां तक की खेत का खाली रखना व कृषि वानिकी पोपलर व सफेदा लगाने पर विभाग द्वारा एक मुश्त किसान के सीधे खाते में भौतिक सत्यापन उपरांत 7 हजार रूपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस स्कीम का लाभ केवल उन्हीं किसानों को दिया जाएगा जिन्होंने पिछले साल उस खेत में धान की फसल ली थी और वह अब की बार उसी खेत में अन्य कोई वैकल्पिक फसल लेना चाहता है। इस स्कीम में खरीफ 2022 में जिस किसान द्वारा फसल विविधिकरण यानि इस स्कीम का लाभ लिया था वह भी अब की बार धान न लगा कर उसी खेत में दौबारा कोई वैकल्पिक फसल लेता है तो उसको भी इस स्कीम का लाभ दिया जाएगा व इस स्कीम का लाभ लेने के लिए किसान को सबसे पहले मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य रहेगा, जिसकी अंतिम तिथि 31 जुलाई रखी गई है।
सरकार द्वारा 100 प्रतिशत एम.एस.पी. आधारित फसलों की खरीद की जाएगी व प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए किसान को अपने स्तर पर ही बीमा करवाना होगा। मेरा पानी-मेरी विरासत स्कीम के निरीक्षण हेतु एक प्रतिशत निरीक्षण जिले के उपायुक्त द्वारा व तीन प्रतिशत सम्बंधित उप मण्डल अधिकारी, (नागरिक) द्वारा किया जाएगा।
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