Aditya L-1: दो सितंबर को रवाना होगा इसरो का पहला सोलर मिशन आदित्य-एल-1

0
277
Aditya L-1
दो सितंबर को रवाना होगा इसरो का पहला सोलर मिशन

Aaj Samaj (आज समाज), Aditya L-1, बेंगलुरु: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) सूर्य का अध्ययन करने के लिए 2 सितंबर को सुबह 11:50 बजे अपना सोलर मिशन लॉन्च करेगा। इसका नाम आदित्य एल-1 रखा गया है। इसरो ने कल यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि आदित्य एल-1 सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली स्पेस बेस्ड इंडियन लेबोरेट्री होगी। इसे सूर्य के चारों ओर बनने वाले कोरोना के रिमोट आब्जर्वेशन के लिए डिजाइन किया गया है।

सूर्य पर उठने वाले तूफानों को समझेगा

आदित्य एल-1 को श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। यान सूर्य-पृथ्वी के लैग्रेंजियन प्वाइंट पर रहकर सूर्य पर उठने वाले तूफानों को समझेगा। यह प्वाइंट पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है। यहां तक पहुंचने में इसे करीब 120 दिन यानी 4 महीने लगेंगे। यह लैग्रेंजियन प्वाइंट के चारों ओर की कक्षा, फोटोस्फीयर, क्रोमोस्फीयर के अलावा सबसे बाहरी परत कोरोना की अलग-अलग वेब बैंड्स से 7 पेलोड के जरिए टेस्टिंग करेगा।

आदित्य-एल-1 बनाने में देश की संस्थाओं की भागीदारी

इसरो के एक अधिकारी के मुताबिक, आदित्य एल1 देश की संस्थाओं की भागीदारी से बनने वाला पूरी तरह स्वदेशी प्रयास है। बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट आफ एस्ट्रोफिजिक्स विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ ने इसके पेलोड बनाए हैं। जबकि इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स पुणे ने मिशन के लिए सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजर पेलोड विकसित किया है।

यूवी पेलोड का इस्तेमाल कोरोना और सोलर क्रोमोस्फीयर पर, जबकि एक्स-रे पेलोड का इस्तेमाल सूर्य की लपटों को देखने के लिए किया जाएगा। पार्टिकल डिटेक्टर और मैग्नेटोमीटर पेलोड, चार्ज्ड पार्टिकल के हेलो आॅर्बिट तक पहुंचने वाली मैग्नेटिक फील्ड के बारे में जानकारी देंगे।

यह भी पढ़ें :

Connect With Us: Twitter Facebook