नई दिल्ली । एम्स में पहली बार पर्यावरणीय, व्यावसायिक कारणों पर दो दिवसीय सम्मेलन शुरू हुआ। इंडियन सोसायटी ऑफ क्लीनिकल आंकोलॉजी की ओर से आयोजित इस सम्मेलन के पहले दिन फिल्म अभिनेत्री मनीषा कोइराला भी शामिल हुई।
वह कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से उबर चुकी हैं। सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने अपने अनुभव बताए। उन्होंने कहा कि कैंसर को लाइलाज न समझें। कैंसर से बचाव के लिए जीवन में पांच चीजें अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कैंसर को लेकर लोगों के मन में गलत धारणा है। लोग सोचते हैं कि कैंसर मतलब लाइलाज बीमारी, जबकि यह ठीक हो सकती है।
दिक्कत यह है कि इस बीमारी से उबरकर दोबारा जीवन शुरू करने वाले बहुत कम लोग सामने आकर बोलने को तैयार होते हैं। मुझे हुई परेशानी के बारे में लोग जानते हैं, पर मेरा मानना है कि इससे कुछ अच्छा भी हुआ, जिसे कोई नहीं जानता। पहले मैं हर छोटी परेशानी से अवसाद में चली जाती थी, पर अब लगता है कि किसी भी समस्या से निपट सकती हूं। इस बीमारी के बाद महसूस हुआ कि जीवन शैली ठीक नहीं थी। उन्होंने कहा कि बीमारी होने पर डॉक्टरों के हर निर्देश का पूरा पालन जरूरी है। डॉक्टर के निर्देश के बगैर कुछ भी नहीं करना चाहिए। मैं भी ऐसा ही करती थी। कुछ भी करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेती थी।
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