एएनएम तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के खिलाफ होगी कार्यवाही : डीसी

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Action will be taken against ANM and Anganwadi worker: DC
Action will be taken against ANM and Anganwadi worker: DC
  • गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण शत-प्रतिशत नहीं होने पर आशा वर्करों, एएनएम तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के खिलाफ होगी कार्यवाही : डीसी
    प्रवीण वालिया, करनाल :
    कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक बुराई को रोकने के लिए प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है। जिला में घटते लिंगानुपात को लेकर उपायुक्त अनीश यादव ने स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा किए गए कार्यों पर असंतोष प्रकट किया और कहा कि जिन गांवों में गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण शत-प्रतिशत नहीं है, ऐसी आशा वर्करों, एएनएम तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए निर्देश

उपायुक्त बुधवार को लघु सचिवालय के सभागार में पीसीएनडीटी एक्ट के तहत गठित जिला टास्क फोर्स कमेटी की साप्ताहिक बैठक में लिंगानुपात को लेकर समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सभी एएनएम, आशा वर्करों को निर्देश दें कि वे अपने-अपने क्षेत्र से संबंधित गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत पंजीकरण करवाना सुनिश्चित करें। इसके अलावा ऐसी गर्भवती महिलाओं पर कड़ी नजर रखें, जिनके पास पहले से लड़कियां हैं ताकि कन्या भू्रण हत्या जैसी सामाजिक बुराई को रोका जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन गांवों में निरीक्षण के दौरान गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत नहीं मिला, ऐसी आशा वर्करों को टर्मिनेट किया जाए और उनकी जगह दूसरी आशा वर्कर को लगाया जाए। उन्होंने कहा कि आशा के साथ-साथ एएनएम के खिलाफ भी कार्यवाही अमल में लाई जाए।

गर्भ में भ्रूण की जांच करवाने वाले के खिलाफ पीएनडीटी एक्ट के तहत कार्यवाही

उपायुक्त ने सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि प्राईवेट अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया जाए, विशेषतौर से ऐसे अस्पताल जहां पर गर्भपात के ज्यादा मामले सामने आ रहे हों। ऐसे अस्पतालों के रिकॉर्ड की सही जांच की जाए तथा गर्भपात होने की वजह का पता लगाने के लिए संबंधित महिला से भी पूछताछ की जाए। उन्होंने कहा कि गर्भ में भ्रूण की जांच करवाने वाले तथा करने वाले दोनों दोषी हैं और दोनों के खिलाफ पीएनडीटी एक्ट के तहत कार्यवाही करने का प्रावधान है। ऐसे मामलों में संलिप्त किसी भी दोषी को बख्शा न जाए, उसे कड़ी से कड़ी सजा दिलवाएं। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी को भी निर्देश दिए कि वे सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सुपरवाईजरों को अलर्ट करें कि वे अपने-अपने क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण करवाने के साथ-साथ उनसे निरंतर सम्पर्क बनाए रखें। अगर गर्भपात की कोई घटना सामने आती है तो इसकी सूचना उपायुक्त कार्यालय व सिविल सर्जन को अवश्य दें ताकि उनकी जांच हो सके।

एएनएम तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के खिलाफ कार्यवाही

बैठक में सिविल सर्जन डॉ. योगेश शर्मा ने बताया कि पिछले सप्ताह 4 अस्तपालों के रिकॉर्ड को चैक किया जिनमें से 2 मौके पर जाकर तथा 2 का अपने कार्यालय में रिकॉर्ड मंगवाकर चैक किया। इनमें भारती अस्पताल, अर्चना अस्पताल, नीरा अस्पताल तथा मधु चौधरी अस्पताल शामिल है। उन्होंने बताया कि 10 गर्भवती महिलाओं के गर्भपात की जानकारी के लिए रिकॉर्ड को चैक किया जिनमें से 3 लोगों का पता व मोबाईल नम्बर सही नहीं पाया तथा 7 गर्भवती महिलाओं ने पंजीकरण ही नहीं करवाया था। उन्होंने यह भी बताया कि ठरवा माजरा, चुंडीपुर, हिनौरी, खेड़ी मूनक, घोलपुरा तथा प्रेम खेड़ा गांवों में निरीक्षण के दौरान करीब 5 से 6 गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण नहीं पाया गया, उन पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इस पर उपायुक्त ने कड़ी नाराजगी प्रकट की और कहा कि अगली मीटिंग में इस क्षेत्र की आशा वर्कर, एएनएम तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के खिलाफ कार्यवाही रिपोर्ट लेकर आएं। उन्होंने सीएमओ को यह भी निर्देश दिए कि प्राईवेट अस्पतालों में गर्भपात करवाए जाने की स्थिति में गर्भवती महिलाओं से आईडी प्रूफ अवश्य लें।

बैठक में सिविल सर्जन डॉ. योगेश शर्मा, डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. सीनू व डॉ. सरोज, जिला न्यायवादी डॉ. पंकज, महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी राजबाला, सीडीपीओ मीना रतन मौजूद रहे।

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