Aaj Samaj (आज समाज), Action On Iran, वाशिंगटन/लंदन: संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन ने इजरायल पर हमले के बाद ईरान पर नए सिरे से प्रतिबंध लगा दिए हैं। जो बाइडेन के प्रशासन ने बताया है कि अमेरिका ने ईरान रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स, ईरान रक्षा मंत्रालय, ईरानी शासन से जुड़े मिसाइल व ड्रोन प्रोडक्शन वाली कंपनी और कुछ लोगों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। वहीं ब्रिटेन ने ईरान के यूएवी और बैलिस्टिक मिसाइल उद्योगों में शामिल कई सैन्य संगठनों, व्यक्तियों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगने का ऐलान किया है।
अमेरिका ने 16 लोगों और दो संस्थाओं को प्रतिबंधित किया
अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट के बयान के अनुसार अमेरिका ने ईरान के ड्रोन कार्यक्रम को सक्षम बनाने वाले 16 लोगों और दो संस्थाओं को प्रतिबंधित किया है और इन पर बारीकी से नजर भी रखी जा रही है। यूएस ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने कहा कि ईरान के इजरायल पर हमले के बाद ब्रिटेन के साथ लंबी चर्चा के बाद हमने त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करने का फैसला लिया है।
इस्पात उद्योग से जुड़ी 5 कंपनियां बैन
ईरान के ड्रोन कार्यक्रम पर रोक लगाने के साथ-साथ अमेरिका द्वारा ईरान के इस्पात उद्योग से जुड़ी पांच कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया गया है। जेनेट के मुताबिक ईरान का इस्पात उद्योग हर साल कई अरब डॉलर का राजस्व उत्पन्न करता है। इस्पात उद्योग से जुड़ी कंपनियों द्वारा ही ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स को सामग्री प्रदान करने में मदद की जाती है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कुछ ही दिन पहले कहा था कि अमेरिका ईरान के मिसाइल और ड्रोन कार्यक्रमों पर नए प्रतिबंध लगाएगा।
इजरायल-ईरान के बीच तनाव का यह है कारण
बता दें कि दमिश्क में ईरानी दूतावास पर एक अप्रैल को हुए हवाई हमले में दो जनरलों समेत इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के सात लोग मारे गए थे। इसके जवाब में ईरान ने इजरायल पर पिछले सप्ताह शनिवार को अपना पहला प्रत्यक्ष सैन्य हमला किया था। इस दौरान ईरान की ओर से इजरायल के शहरों में 300 से अधिक ड्रोन व मिसाइल दागे गए थे। इजरायल ने हालांकि जवाबी कार्रवाई में कई ड्रोन को हवा में ही नष्ट कर देने का दावा किया था। ईरान के हमले के बाद इजरायली प्रधामनंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था अपने लोगों की रक्षा के लिए इजरायल कोई भी बड़ा कदम उठा सकता है।
ईरानी वाहन निर्माता बहमन ग्रुप को भी किया गया टारगेट
ईरानी वाहन निर्माता बहमन ग्रुप की तीन सहायक कंपनियों को भी निशाना बनाया गया है, जिनके बारे में कहा गया कि उन्होंने ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स को समर्थन दिया था। इनके अलावा ईरान के निर्यात को भी टारगेट किया गया है, जहां उसे निर्यात के लिए लाइसेंस मिलने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
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