Acharya Girdhari Lal Shastri कारोबार में तरक्की के लिए अति उत्तम है घर की लक्ष्मी को खुश करना

0
250
परिवार सहित मनाया पत्नी का जन्मदिन
परिवार सहित मनाया पत्नी का जन्मदिन
  • परिवर्तनः हवन यज्ञ व भंडारा लगा परिवार सहित मनाया पत्नी का जन्मदिन।
  • लक्ष्मी व सुख-समृद्धि, कारोबार में तरक्की के लिए अति उत्तम है घर की लक्ष्मी को खुश करना – आचार्य गिरधारी लाल शास्त्री।

Aaj Samaj (आज समाज), Acharya Girdhari Lal Shastri, अखिलेश बंसल, बरनाला:
कुछ वर्ष तीव्रता से फैली पश्चिमी सभ्यता का भारत देश में पतन होना शुरु हो गया है। परिवार के सदस्य का जन्मदिन मनाने, शादी की सालगिरह पर केक काटने समेत विभिन्न आयोजनों द्वारा होते कार्यक्रमों पर अंकुश लगा लोग अपने देश की प्राचीन संस्कृति को ही अपनाने लगे हैं। जिसकी पंजाब प्रदेश के बरनाला शहर में एक ऐसी मिसाल देखने को मिली जब अपनी पत्नी का जन्मदिन मनाने के लिए एक व्यक्ति ने श्री बालाजी सरकार के मंदिर जा वहां हवन-यज्ञ, पूजा अर्चना की, श्री सुंदरकांड का पाठ करवाया और बाद में लंगर बर्ताया।

पश्चिमी सभ्यता ने भारत की संस्कृति का किया बेड़ागर्क

गौरतलब है कि कुछ वर्ष पहले जैसे ही भारत देश में पश्चिमी सभ्यता ने अपने पैर पसारने शुरु किए थे, उसने देश की प्राचीन संस्कृति को ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया, जिसके बाद लोगों ने अपने घर की हर छोटी से छोटी खुशियां मनाने के लिए होटलों व क्लबों में जाकर पार्टियां करनी शुरु कर दी, जब तक वहां मांसाहारी भोजन और शराब नहीं बांटी जाती तब तक उस समारोह को समारोह ही नहीं मानने लगे। यहां तक कि ऐसी पार्टियों में महिलाओं तक द्वारा मांसाहारी भोजन खाना और शराब पीना शुरु हो गया और उनका पहरावा भी संस्कृति के विपरीत होता चला गया।

वर्ष 2014 के बाद शुरु हुआ परिवर्तन

माना जा रहा है कि वर्ष 2014 के बाद देश के बाशिंदों को उस वक्त होश आयी जब उनके परिवारों की जरूरत से ज्यादा आकांक्षांएं बढ़ने लगी और बच्चे गलत राह पर जाने लगे। तब लोगों और समाजसेवी संस्थाओं ने अपने बच्चों का जन्मदिन उनके शिक्षा संस्थानों में पहुंच मनाना शुरु किया। अपने हर परिवार की खुशी के मौके पर पौधारोपण करना शुरु किया। किसी धार्मिक स्थान पर जाना शुरु किया। बता दें कि बरनाला शहर के कपिल गर्ग नामक व्यक्ति, अपनी पत्नी रिंपी गर्ग का जन्मदिन मनाने शहर में स्थापित श्री बालाजी धाम (रामबाग) मंदिर परिवार सहित पहुंचा ऐसी मिसाल कायम की है जिसके बहुत से सार्थक परिणाम निकलने की संभावना पैदा हो गयी। कपिल गर्ग वहां हवन-यज्ञ, पूजा अर्चना की, श्री सुंदरकांड, हनुमान चालीसा का पाठ करवाया और बाद में लंगर बर्ताया।

हर संकट से मुक्ति के लिए लक्ष्मी का खुश होना जरूरीः आचार्य गिरधारी।

श्री बालाजी धाम (रामबाग) मंदिर बरनाला के मुख्य पुजारी परम आदरणीय आचार्य श्री गिरधारी लाल शास्त्री का कहना है कि लक्ष्मी व सुख-समृद्धि, कारोबार में तरक्की के लिए अति उत्तम है घर की लक्ष्मी का खुश रहना। घर की लक्ष्मी खुश है तो संतान व परिवार सुखी होगा। उन्होंने बताया कि घर की मुख्य गृहणी में वो सामर्थ्य है जिसके द्वारा वह सबसे पहले अपनी संतान, अपने परिवार, सास-ससुर, रिश्तेदार तथा अन्य सगे संबंधियों की हर जरूरत का ध्यान रखती है। आचार्य श्री गिरधारी ने कहा कि भले ही यह परंपरा प्राचीन है लेकिन यद्यपि अब इस संस्कृति का पुर्नजन्म होने लगा है तो इससे भारत देश की हैरानपूर्ण तरक्की होगी।

यह भी पढ़ें : Dera Sacha Sauda Kaithal : डेरा सच्चा सौदा कैथल ब्लॉक के जिम्मेवारों ने 15 दिनों से लापता बुजुर्ग को परिवार से मिलाया

यह भी पढ़ें : Om Prakash Dhankar : लोगों के काम करवाकर जनता का दिल जीतें पन्ना प्रमुख: ओम प्रकाश धनखड़

Connect With Us: Twitter Facebook