इशिका ठाकुर,करनाल:
जिला करनाल में स्थित करनाल रेंज के साइबर क्राइम थाना की पुलिस टीम द्वारा दो ऐसे शातिर आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है, जो वर्क फ्रोम होम/ घर बैठे नौकरी देने के नाम पर लोगों के साथ लाखों रूप्ये की ठगी की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। ऐसी ही एक वारदात के संबंध में करनाल की रहने वाली एक महिला ने दिनांक 29.04.2022 को साइबर अपराध थाना करनाल रेंज, करनाल में एक शिकायत दी थी। जिसमें उसने बताया कि उसने गूगल पर ऑनलाईन जॉब के लिए सर्च किया था। जंहा पर क्वीकर वेबसाईट पर एक डाटा एन्टरी का ऑप्शन आया। जिसमें एक्सिस डाटा पता बेंगलौर कर्नाटक का दिया हुआ था और कुछ मोबाइल नम्बर भी दिये हुए थे। जब उस महिला ने अगस्त 2021 में दिए हुए मोबाइल नम्बरों पर तो उस महिला को बतलाया गया कि उसे घर बैठे फार्म भरने का काम करना होगा, जिसके बदले महिला को 24.50 रूप्ये प्रति फार्म दिये जाएंगे और 15 दिन काम करने के बाद पेमेंट करने की बात कही गई।
शर्त के मुताबिक महिला ने 15 दिन काम किया और करीब 350 फार्म भर दिये थे
शर्त के मुताबिक महिला ने 15 दिन काम किया और करीब 350 फार्म भर दिये थे, जो हैल्थ बीमा से संबंधित थे। 15 दिन बाद उस महिला के पास उपरोक्त नम्बर से एक कॉल आई। जिसमें फोन करने वाले व्यक्ति ने अपना नाम शुभम गुप्ता बतलाया। जिसने उस महिला से 15 दिन काम की पेमेंट करने को कहा था। जिसके बाद फोन के माध्यम से कभी एनओसी के नाम पर तो कभी फाईल चार्ज के नाम पर और कभी वैलिडेशन चार्जिज, कागजात वैरिफिकेशन, जीएसटी, फाईल अपडेशन के नाम पर उस महिला से अलग-अलग समय पर विभिन्न बैंक खातों में 3,41,881 रूप्ये ट्रांसफर करवा लिये और उसके काम के बदले उसे कोई भी पैसे वापिस नही किये गये। जिसके बाद महिला को अपने साथ हुई धोखाधडी का पता चला तो महिला ने साइबर थाना में शिकायत दी। इस संबंध में साइबर थाना में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120बी आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया।
पूछताछ में आरोपियों ने वारदात को अंजाम देने का किया खुलासा
मामले की आगामी तफ्तीश एएसआई रविन्द्र कुमार पुलिस थाना साइबर अपराध करनाल रेंज, करनाल को सौंपी गई। दौराने तफ्तीश टीम द्वारा रूप्यें ट्रांसफर होने वाले बैंक खातों की डिटेल खंगाली गई और खातों से रूप्ये निकालने के स्त्रोत का पता लगाया। जिसके बाद दिनांक 11.05.2022 को टीम द्वारा विश्वसनीय साक्ष्यों के आधार पर टीम द्वारा दो आरोपियों 1. मुकेश कुमार राज पुत्र जयकिशन साह वासी गांव मंझौली जिला सीतामढी बिहार हाल प्रशांत गार्डन खोडा कालोनी जिला गाजियाबाद उत्तर प्रदेश व 2. जतिन पुत्र धर्मेंन्द्र सिंह वासी धूमीमल चावडी बाजार थाना हौज काजी सैन्ट्रल दिल्ली को दिल्ली से अलग-अलग जगह से गिरफ्तार किया गया। आरोपियों को दिनांक 12 मई को पेश अदालत करके दो दिन के पुलिस रिमाण्ड पर लिया गया है। दौराने रिमाण्ड पूछताछ में आरोपियों द्वारा उपरोक्त वारदात को अंजाम देने बारे खुलासा किया गया। आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होने वर्ष 2019 में सेक्टर-62 नोएडा की एक बिल्डिंग में एक्सिस डाटा का दफ्तर खोला था।
धोखाधडी के लिए दफ्तर का फर्जी पता बेंगलौर कर्नाटक का दिया
धोखाधडी करने के लिए उस दफ्तर का फर्जी पता बेंगलौर कर्नाटक का दिया गया था। उस दफ्तर में बैठ कर आरोपी क्वीकर वैबसाईट से ऑनलाईन जॉब करने के इच्छुक लोगों का डाटा खरीद लेते थे। डाटा खरीदने के बाद उन्हे धोखाधडी करने के लिए फर्जी मोबाइल नम्बर व रूप्ये प्राप्त करने के लिए पेटीएम खातों व अन्य बैंक खातों की जरूरत होती थी। इनकी यह जरूरत आरोपियों का तीसरा साथी पूरी करता था। जो इनको फर्जी मोबाइल नंबर व सिम आदि प्रोवाइड करवाता था। आरोपियों ने अपने दफ्तर में एक्सिस बैंक के फर्जी रजिस्ट्रेशन फार्म, फर्जी एनओसी, फर्जी जॉब एग्रीमेन्ट लैटर आदि तैयार करने के लिए एक कम्प्यूटर भी रखा हुआ था।
आरोपियों ने फर्जी कॉल करने के लिए की-पैड वाले मोबाइल फोन व खातों में रूप्ये ट्रांसफर करने के लिए एक स्मार्ट फोन भी रखा हुआ था। आरोपी इन मोबाइल फोन का प्रयोग केवल जिन लोगों से धोखाधडी करनी होती थी, के लिए करते थे। आरोपी बैंक खातों की केवाईसी करने के बहाने लोगों से उनके पैन कार्ड व आधार कार्ड भी प्राप्त कर लेते थे जिसकी वजह से आरोपी बैंक में उनके नाम से फर्जी बैंक खाते खोल लेते थे। आरोपियों द्वारा बनाए गए फर्जी खातों में जब धोखाधड़ी की रकम आ जाती थी तो आरोपी किसी नजदीकी सीएससी सेंटर पर जाकर सीएससी सेंटर के खाते में नगदी ट्रांसफर कर देते थे और वहां से एक कैस में रुपए ले लेते थे।
पूरे देश में करीब 100 लोगों के साथ इस प्रकार की ठगी को अंजाम दिया जा चुका
इसके बाद आरोपी ऐसे लोग जो घर बैठे कोई ऑनलाईन काम करने के इच्छुक होते थे, क्वीकर से ऐसे लोगों को डाटा खरीद लेते थे। आरोपी इस डाटा में से भी ज्यादातर महिलाओं को निशाना बनाते थे। आरोपी पहले ऐसी महिलाओं को 15 दिन के लिए किसी प्रकार के फार्म भरने का काम दे देते थे। फिर 15 दिन बाद उसी महिला के पास उसकी पेमेंट करने के नाम पर फोन करते थे। उस महिला को विश्वास में लेकर आरोपी कई प्रकार के चार्ज जैसे- रजिस्ट्रेशन चार्ज, एनओसी चार्ज, जीएसटी, अपग्रेडेसन चार्ज व अन्य कई प्रकार के चार्ज के नाम पर रूप्ये वसूलते थे। जब कोई महिला इनके पास रूप्ये भेजती रहती थी तो आरोपी उस महिला से मोटी रकम की मांग करने लग जाते थे। आरोपियों से यह भी खुलासा हुआ कि आरोपियों द्वारा अब तक पूरे देश में करीब 100 लोगों के साथ इस प्रकार की ठगी को अंजाम दिया जा चुका है और लाखों रूप्ये की धोखाधडी कर चुके हैं।
किसी व्यक्ति के झांसे में ना आएं: करनाल पुलिस
दोनों आरोपियों के कब्जे से 2 लाख 52 हजार रूप्ये की नगदी, दो मोबाइल फोन, एक कम्प्यूटर बरामद किया गया है। इन वारदातों को अंजाम देने के लिए फर्जी मोबइल नम्बर उपलब्ध करवाने वाले तीसरे आरोपी का भी नाम जांच में सामने आया है। जिसकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। जिसको भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। दोनों आरोपियों को आज पेश अदालत करके न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। करनाल पुलिस व साइबर थाना करनाल की आमजन से अपील है कि ऐसे किसी भी ऑनलाईन जॉब के देने के नाम पर किसी व्यक्ति के झांसे में ना आएं। किसी भी खाते या ऑफिस एड्रेस को वैरिफाई किए बिना किसी भी व्यक्ति के खाते या वॉलेट आदि में रूप्ये ट्रांसफर ना करें। धोखाधडी या साइबर अपराध होने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें या राष्ट्रीय साइबर अपराध हैल्पलाईन नम्बर 1930 पर फोन करके गई हुई राशि को फ्रीज करवाएं।