राज्य को नशा मुक्त बनाने में युद्ध नशों के खिलाफ अभियान निभाएगा निर्णायक भूमिका

Punjab News (आज समाज), चंडीगढ़/फतेहगढ़ साहिब : पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने ब्राह्मण माजरा स्थित सरकारी पुनर्वास केंद्र में जिले के निजी नशा छुड़ाओ केंद्रों के प्रबंधकों के साथ बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जल्द ही निजी नशा छुड़ाओ केंद्रों की जवाबदेही तय की जाएगी। इन केंद्रों के प्रबंधकों को यह बताना आवश्यक होगा कि उन्होंने कितने नशे के आदी व्यक्तियों का नशा छुड़वाया है।

केंद्र प्रबंधकों को दी सख्त हिदायतें

स्वास्थ्य मंत्री ने निजी नशा छुड़ाओ केंद्रों के प्रबंधकों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि आपके केंद्र नशा छुड़वाने के लिए चलाए जा रहे हैं, न कि केवल नशीली गोलियां बेचने के लिए। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों की कार्यप्रणाली पर वे स्वयं कड़ी नजर रखेंगे और समय-समय पर इनकी जांच भी की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी निजी नशा छुड़ाओ केंद्र के बाहर नशीली गोलियां बिकने का मामला उनके संज्ञान में आया, तो संबंधित केंद्र के प्रबंधकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निजी नशा छुड़ाओ केंद्रों के प्रबंधकों से मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉक्टरों से संबंधित जानकारी भी प्राप्त की।

सरकार का मकसद प्रदेश को नशा मुक्त करना

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार नशे के आदी व्यक्तियों का नशा छुड़वाकर उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए विभिन्न प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि “युद्ध नशों के खिलाफ ” अभियान के तहत नशे के आदी व्यक्तियों का नशा छुड़वाकर उन्हें सरकार द्वारा कौशल विकास प्रशिक्षण भी दिया जाएगा और प्रशिक्षण के उपरांत उन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत ऋण दिलवाकर स्वरोजगार शुरू करने में सहायता की जाएगी।

उन्होंने विशेष रूप से राज्य की महिलाओं से अपील की कि यदि किसी घर का कोई सदस्य नशे की दलदल में फंस गया है, तो उसे सरकारी नशा छुड़ाओ केंद्र में लाया जाए। सरकार यह वादा करती है कि उनके परिवार के सदस्य की जिंदगी बचाकर उन्हें फिर से एक स्वस्थ जीवन जीने का अवसर दिया जाएगा।

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