जिला खनिज प्रतिष्ठान कोष से होंगे घरौंडा क्षेत्र में करीब डेढ करोड़ रूपये के विकास कार्य- अनीश यादव, उपायुक्त

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About one and a half crore development works will be done in Gharaunda
About one and a half crore development works will be done in Gharaunda

इशिका ठाकुर, करनाल,2 मार्च: 

जिला खनिज प्रतिष्ठान कोष (डीएमएफ) से घरौंडा में करीब डेढ करोड़ रूपये के विकास कार्य होंगे। गुरूवार को उपायुक्त एवं जिला खनिज प्रतिष्ठान कोष के अध्यक्ष अनीश यादव ने एक बैठक के दौरान यह जानकारी दी।
डीएमएफ एक वैधानिक प्राधिकरण है, जो राज्य सरकार की ओर से खनन से प्रभावित जिलों में स्थापित किया गया है। इसे खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम के तहत वैधता दी गई है।

खनिज प्रतिष्ठान कोष में पैसा माईनिंग ठेकेदारों की ओर से जमा करवाया जाता है। बीती 2 मई 2021 तक ठेकेदारों द्वारा काँट्रैक्ट का 10 प्रतिशत हिस्सा सरकार के पास जमा करवाया जाता था और 3 मई 2021 के बाद साढे 7 प्रतिशत राशि सीधे सरकार के पास और अढ़ाई प्रतिशत जिला खनन प्रतिष्ठान के बैंक अकाउंट में जमा करवाया गया है।

उपायुक्त ने जमा पैसे को लेकर ली जानकारी

बैठक में उपायुक्त ने जिला खनन अधिकारी और प्रतिष्ठान के सदस्य सचिव से कोष में जमा पैसे को लेकर जानकारी ली और यह किन-किन कार्यों पर खर्च किया जाना है, इस बारे निर्देश दिए।

खनन अधिकारी ने बताया कि डीएमएफ में इस समय 1 करोड़ 96 लाख रूपये की राशि जमा करवाई गई है। इस राशि में 1 करोड़ 71 लाख 19 हजार 445 रूपय की जमा राशि के साथ करीब 30 लाख की राशि के 2 फिक्सड डिपोजिट का पैसा भी शामिल है। इस बारे उन्होंने बताया कि उक्त राशि का 60 प्रतिशत हिस्सा खनिज प्रभावित ईलाकों में सडक़ें, पेयजल, स्वास्थ्य सुविधाएं, स्कूलों में आधुनिक डिजिटल पुस्तकालय, शौचालय और पानी निकासी के कार्य तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की गतिविधियों में विस्तार जैसे कार्य करवाए जाएंगे। इसके अलावा 20 प्रतिशत राशि सडक़ों व पुलों के निर्माण पर खर्च होगी, जबकि शेष 20 प्रतिशत राशि भविष्य के लिए सुरक्षित रखी जाएगी।

जिला खनन अधिकारी को निर्देश दिए

जिला उपायुक्त ने बताया कि विकास कार्यों से घरौंडा क्षेत्र के सदरपुर, मुंडोगढी, फरीदपुर और लालुपुरा के एरिया के लोगों को सुविधाएं मिलेंगी। उपायुक्त ने जानकारी दी कि जिला में खनन से कितना एरिया प्रभावित है, उसकी ड्रोन से मैपिंग करवाई जाएगी। इसके लिए उन्होंने जिला खनन अधिकारी को निर्देश दिए कि वे दृश्या के जरिए ड्रोन को या तो हायर कर लें या फिर अपना खरीद लेने की कार्रवाई कर सकते हैं। मैपिंग में प्रभावित और कैचमैंट एरिया की पूरी जानकारी होनी चाहिए और यह कार्य अगले एक महीने के अंदर-अंदर कर लिए जाएं।

ये रहे मौजूद

इस बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. वैशाली शर्मा, नगराधीश अमन कुमार, जिला खनन अधिकारी भूपेन्द्र सिंह के अतिरिक्त विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे।

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