पवन शर्मा
चंडीगढ़। हरियाणा की स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं आयुष मंत्री आरती राव ने बुधवार को अपने पिता और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के साथ गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। यह बैठक न केवल राजनीतिक बल्कि विकासात्मक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
माना जा रहा है कि इस चर्चा में हरियाणा के राजनीतिक हालात, विकास की प्राथमिकताएं, और केंद्र-राज्य समन्वय जैसे अहम मुद्दों पर विस्तार से बात हुई। इस मुलाकात को राव परिवार की राजनीतिक सक्रियता और प्रदेश में भाजपा की मजबूती के संदर्भ में देखा जा रहा है।
विकास का खाका केंद्रीय मंत्रियों के सामने
बैठक के दौरान आरती राव ने अपने विभागों से संबंधित योजनाओं और सुधारों का प्रस्तुतीकरण किया। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को आधुनिक बनाने और आयुष विभाग के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में जागरूकता बढ़ाने के प्रस्तावों पर गहन चर्चा की गई।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल हरियाणा की स्वास्थ्य सेवाओं में नए आयाम जोड़ने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
अहिरवाल में भाजपा की पकड़ मजबूत
राव इंद्रजीत सिंह का हरियाणा के अहिरवाल क्षेत्र—रेवाड़ी, गुड़गांव और भिवानी—में जबरदस्त प्रभाव है। यह क्षेत्र भाजपा का गढ़ माना जाता है, और हालिया चुनावों में यहां की सफलता का श्रेय काफी हद तक राव इंद्रजीत की लोकप्रियता और नेतृत्व को जाता है।
आरती राव, अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए, प्रदेश में एक सशक्त नेतृत्व के रूप में उभर रही हैं। इस बैठक को उनकी बढ़ती राजनीतिक भूमिका के संदर्भ में भी देखा जा रहा है।
हरियाणा की राजनीति में नई दिशा
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बैठक प्रदेश में भाजपा की रणनीतिक दिशा को स्पष्ट करने का संकेत देती है। राव परिवार की यह पहल केंद्र और राज्य के बीच विकास कार्यों को तेज करने में सहायक हो सकती है।
विभागीय प्रस्तुति: स्वास्थ्य और आयुष विभाग में सुधार और नई योजनाओं पर चर्चा।
राजनीतिक समन्वय: हरियाणा के मौजूदा हालात और चुनावी रणनीतियों पर विचार।
केंद्र-राज्य तालमेल: प्रदेश में विकास कार्यों को गति देने के लिए सुझाव।
राव परिवार के राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव को देखते हुए यह मुलाकात केवल शिष्टाचार नहीं, बल्कि हरियाणा की राजनीतिक और विकास यात्रा को नई दिशा देने की योजना का हिस्सा है।
इस पहल से हरियाणा में भाजपा की पकड़ और मजबूत होने के संकेत मिलते हैं, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां राव परिवार का ऐतिहासिक प्रभाव रहा है।