Punjab Political News : नगर निगम चुनाव में आप का वर्चस्व

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Punjab Political News : नगर निगम चुनाव में आप का वर्चस्व
Punjab Political News : नगर निगम चुनाव में आप का वर्चस्व

तीन निगम में आप की जीत, दो में कांग्रेस का हाथ, शिअद और भाजपा को नगर निगम चुनाव में भी मिली करारी हार

2027 विधानसभा चुनाव की जमीन तैयार कर रही आप और कांग्रेस, भाजपा को पंजाब की जनता का विश्वास जीतना बाकी, शिअद के लिए वजूद बचाने की लड़ाई रहेगी जारी

Punjab Political News (आज समाज), चंडीगढ़ : लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से पिछड़ने के बाद से आम आदमी पार्टी ने प्रदेश में जितने भी चुनाव हुए उनमें बाजी मारी है। पहले लोकसभा उपचुनाव, फिर विधानसभा उपचुनाव और अब पांच नगर निगम के परिणाम में एक बार फिर से आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से बेहतर परिणाम हासिल किए हैं। शनिवार को पांच नगर निगम के लिए हुए मतदान में से तीन में आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की है। इनमें लुधियाना, जालंधर और पटियाला नगर निगम हैं। वहीं अमृतसर और फगवाड़ा में कांग्रेस ने जीत हासिल की है। इसके अलावा अन्य कोई पार्टी चाहे वह शिअद हो या फिर भाजपा लोगों का विश्वास जीतने में कामयाब नहीं हो पाई है।

इस तरह रहा पांचों नगर निगम का परिणाम

लुधियाना: कांग्रेस 21, आप 34, भाजपा 14 और शिअद ने तीन वार्ड जीते।
पटियाला: आप 35, भाजपा 4, कांग्रेस व शिअद 2-2 वार्ड में जरते। सात वार्डों में चुनाव नहीं हुए।
अमृतसर: कांग्रेस 10, आप 11, भाजपा 1 और 4 सीटोंं पर आजाद को जीत मिली।
जालंधर: आप 38, कांग्रेस 25, भाजपा 19, बसपा 1 और 2 सीट पर निर्दलीय जीते।
फगवाड़ा: आप 12, कांग्रेस 22, भाजपा 5, शिअद 2, बसपा 1 और 3 निर्दलीय।

आप का विकल्प बन रही कांग्रेस

पंजाब में पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल की थी। उस समय कांग्रेस सहित अन्य पार्टियां हाशिये पर चली गई थी। लेकिन अब एक बार फिर से कांग्रेस प्रदेश में आम आदमी पार्टी का विकल्प बनती नजर आ रही है। यदि आम आदमी पार्टी अपने किए हुए वादों पर खरा नहीं उतरी तो अपने विस चुनाव में प्रदेश की जनता सत्ता की चाबी कांग्रेस के हाथ को भी थमा सकती है। पहले कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी से बेहतर प्रदर्शन किया और अब प्रदेश में आप की सरकार होने के बाद भी पार्टी ने जहां दो नगर निगम में बहुमत हासिल किया है। वहीं अन्य तीन में भी वह दूसरे नंबर पर रही है।

शिअद और भाजपा दोनों को नुकसान

जब से शिअद और भाजपा ने प्रदेश में एक दूसरे का साथ छोड़ा है तभी से दोनों पार्टियों को केवल नुकसान ही उठाना पड़ रहा है। एक दूसरे से अलग होकर दोनों पार्टियां ही हाशिये पर चली गई हैं। इनमें से भाजपा तो फिर भी कहीं न कहीं अपना वोट बैंक बना रही है लेकिन शिअद तो अपना वजूद बचाने के लिए भी संघर्ष करती दिखाई दे रही है। यहां तक की हमेशा पंथ की बात करने वाले शिअद का नगर निगम चुनाव में अमृतसर और जालंधर में खाता तक नहीं खुल सका।

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