पांच साल में भाजपा तीन से ज्यादा सीएम बदलेगी : गोपाल राय
Delhi News Update (आज समाज), नई दिल्ली। आठ फरवरी को भारतीय जनता पार्टी प्रचंड बहुमत के साथ दिल्ली की सत्ता में वापसी करने के बाद अभी तक न तो सीएम का नाम तय कर पाई है और न ही मंत्रीमंडल की तस्वीर स्पष्ट हो पा रही है। भाजपा की इसी देरी को लेकर विपक्षी दल लगातार तंज कस रहे हैं। ज्ञात रहे कि भाजपा ने 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में जीत दर्ज की है। भाजपा ने इस बार 48 सीट पर जीत दर्ज की है लेकिन स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद भी भाजपा अभी तक सरकार की तस्वीर साफ नहीं कर पाई है।
सरकार में देरी भाजपा के आंतरिक मतभेद दर्शा रही
इस बीच आप नेता गोपाल राय ने दिल्ली में भाजपा सरकार के पुराने इतिहास को याद दिलाया। राष्ट्रीय राजधानी के लिए मुख्यमंत्री चुनने में देरी को लेकर भाजपा पर कटाक्ष करते हुए आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को भविष्यवाणी की कि दिल्ली में अगले पांच सालों में पहले की तरह फिर से तीन अलग-अलग मुख्यमंत्री देखने को मिल सकते हैं।
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राय ने कहा कि भाजपा अपनी निर्णायक जीत के बावजूद नेता चुनने के लिए संघर्ष कर रही है, जो पार्टी के भीतर गहरे आंतरिक मतभेदों को दर्शाता है। उन्होंने कहा, 10 दिन बाद भी वे मुख्यमंत्री नहीं चुन पाए हैं, जो दशार्ता है कि उनके पास कोई चेहरा नहीं है। वास्तविकता यह है कि इतिहास खुद को दोहरा सकता है और हम अगले पांच सालों में तीन मुख्यमंत्री देख सकते हैं, जैसा कि दिल्ली में पिछली भाजपा सरकार के दौरान हुआ था।
हम मजबूत विपक्ष के रूप में काम करेंगे
राय ने दोहराया कि आप एक मजबूत विपक्ष के रूप में काम करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि भाजपा दिल्ली के लोगों से किए गए अपने वादों को पूरा करे। उन्होंने कहा कि भाजपा ने चुनाव आयोग के साथ मिलीभगत करके प्रचार के दौरान अपनी सारी चालें चलीं। अपनी सारी ताकत के बावजूद दिल्ली की जनता हमारे साथ खड़ी रही और हम इसके लिए आभारी हैं। सीटों के मामले में अंतर है, लेकिन हमने तय किया है कि आप लोगों के साथ खड़ी रहेगी और भाजपा के खिलाफ आवाज उठाएगी।
भाजपा सीएम को आंतरिक मतभेद का सामना करना पड़ेगा
आप नेता ने भाजपा पर अंदरूनी सत्ता संघर्ष का भी आरोप लगाया और कहा कि जो भी मुख्यमंत्री बनेगा, उसे पार्टी के भीतर अन्य गुटों से प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री पद को लेकर अनिर्णय से पता चलता है कि भाजपा के भीतर कितने सत्ता समूह काम कर रहे हैं। कोई भी व्यक्ति चुना जाए, दूसरे समूह उनके नेतृत्व को बाधित करने की कोशिश करेंगे और इतिहास खुद को दोहराएगा।
ये भी पढ़ें : Delhi Breaking News : दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के बाद जागा रेल प्रबंधन
ये भी पढ़ें : Delhi News : दिल्ली भगदड़ की एनएचआरसी करे जांच : कांग्रेस