अब 571 करोड़ रुपए की परियोजना में कथित भ्रष्टाचार के लगे आरोप
Delhi News (आज समाज), नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी सत्येंद्र जैन की मुश्किलें अब एक बार फिर से बढ़ती दिखाई दे रहीं हैं। दरअसल भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने जैन के खिलाफ रिश्वत लेने के मामले में एफआईआर दर्ज की है। यह मामला 571 करोड़ रुपये की सीसीटीवी परियोजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है।
ज्ञात रहे कि इससे पहले भी सत्येंद्र जैन भ्रष्टाचार के मामले में कई माह तक जेल में रहे थे। उन्हें विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले ही जमानत मिली थी। अब एक बार फिर से जैन पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने सात करोड़ रुपये की रिश्वत लेकर मनमाने ढंग से भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) पर लगाए गए 16 करोड़ रुपये के लिक्विडेटेड डैमेज (एलडी) को माफ कर दिया। बीईएल पर यह जुर्माना दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में 1.4 लाख सीसीटीवी लगाने में देरी पर लगाया गया था।
आप ने कार्रवाई को बताया राजनीतिक प्रतिशोध
इस बीच दिल्ली की पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है। आतिशी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, जब जांच एजेंसियां अपना काम छोड़कर बॉस के आदेश पर राजनीतिक प्रतिशोध शुरू कर देती हैं। आतिशी ने इस पोस्ट से आरोप लगाए हैं कि जांच एजेंसियां सरकार के दबाव में काम कर रही हैं और यह कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से की जा रही है।
दिल्ली कांग्रेस ने की कार्रवाई की सराहना
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि राजधानी में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना में पूर्व आप मंत्री सत्येंद्र जैन द्वारा विशाल भ्रष्टाचार किया गया था, दिल्ली कांग्रेस इस बात को शुरू से ही कह रही थी। दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने सीसीटीवी कैमरा लगाने में किए 571 करोड़ के प्रोजेक्ट में 7 करोड़ रिश्वत लेने के लिए सत्येन्द्र जैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके कांग्रेस के आरोप पर मोहर लगा दी है।
आम आदमी पार्टी की सरकार जैन को बचाती रही
दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन पर दिल्ली में सी.सी.टी.वी. लगाने के मामले में एसीबी द्वारा एफआइआर पंजीकरण का स्वागत किया और कहा है की यह तो शुरुआत है अभी आगे ऐसे अनेक मामले सामने आयेंगे जिन्हे अरविंद केजरीवाल सरकार ने दबा रखा था या जिनकी जांच विलंबित की हुई थी।
वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा था की केजरीवाल सरकार ने 2017-18 में एक निजी कम्पनी बीइएल को सीसीटीवी लगाने का 571 करोड़ रुपए का ठेका दिया और जिसमें विलंब को लेकर कम्पनी पर 16 करोड़ रुपए का जुर्माना 2019 में लगाया जिसे कुछ ही दिन बाद सत्येन्द्र जैन ने 7 करोड़ लेकर माफ कर दिया था। इस मामले की शिकायत अन्य विभागीय सूत्रों के आलावा दिल्ली भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी की थी और मामला एसीबी तक पहुंचा था।
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