Delhi News : आप ने विस अध्यक्ष पर लगाया पक्षपात करने का आरोप

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Delhi News : आप ने विस अध्यक्ष पर लगाया पक्षपात करने का आरोप
Delhi News : आप ने विस अध्यक्ष पर लगाया पक्षपात करने का आरोप

नेता विपक्ष आतिशी ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर जाहिर की नाराजगी

Delhi News (आज समाज), नई दिल्ली। दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने के बाद विधानसभा का विशेष सत्र पिछले दिनों बुलाया गया। इस सत्र में सरकार ने सीएजी की दो रिपोर्ट पेश की। वहीं दिल्ली का बजट सत्र 24 मार्च से शुरू होने जा रहा है। इसकी घोषणा गत दिवस की गई। बजट सत्र की तिथि की घोषणा होते ही आम आदमी पार्टी हरकत में आ गई है। नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र से पहले स्पीकर विजेंद्र गुप्ता को कड़े शब्दों में पत्र लिखकर कार्यवाही के प्रति निष्पक्ष दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया।

आतिशी ने पत्र में यह आरोप लगाए

पत्र में आतिशी ने पिछले विधानसभा सत्र के संचालन की निंदा की और स्पीकर पर पक्षपातपूर्ण माहौल को बढ़ावा देने का आरोप लगाया, जिससे विपक्ष को दरकिनार कर दिया गया। उन्होंने अनुचित व्यवहार की कई घटनाओं को उजागर किया और स्पीकर से सदन में लोकतांत्रिक मानदंडों को बहाल करने के लिए इन चिंताओं को दूर करने का आग्रह किया।

आतिशी ने स्पीकर की भूमिका की तीखी आलोचना करते हुए कहा, ष्संसदीय लोकतंत्र में, स्पीकर विधायी बहस के निष्पक्ष संरक्षक के रूप में कार्य करता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिष्टाचार बनाए रखना, हर आवाज को सुनना सुनिश्चित करना और निष्पक्षता के सिद्धांतों को बनाए रखना स्पीकर की जिम्मेदारी है।

विधानसभा अध्यक्ष ने आरोपों को निराधार बताया

विधानसभा अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने पूर्व सीएम आतिशी के पत्र का जवाब देते हुए लिखा है कि हाल ही में संपन्न सत्र के दौरान मेरी कार्यप्रणाली और निर्देशों पर आपने विभिन्न आरोप लगाए हैं। ये सभी निराधार आरोप हैं, जो तथ्यों की तुलना में अधिक राजनीतिक विचारों से प्रेरित प्रतीत होते हैं।

उन्होंने पत्र में लिखा कि मैं पहले भी कई बार स्पष्ट कर चुका हूँ कि सदन द्वारा निलंबित किए गए सदस्यों को बाहर रखने का मेरा निर्णय हमारे नियम 277 और परिसर की परिभाषा के अनुसार था। इस परिभाषा में परिसर के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र को विस्तार से समझाया गया है और इसमें मार्ग भी शामिल हैं। इसके अलावा, यह अध्यक्ष को समय-समय पर अन्य स्थानों को भी घोषित करने का अधिकार देता है। मुझे आश्चर्य है कि आप और आपकी पार्टी के सदस्यों के विघटनकारी व्यवहार के लिए माफी मांगने के बजाय, आप मेरे विधिसम्मत निर्देश को ही गलत ठहराने का प्रयास कर रहे हैं।

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