आज समाज डिजिटल, Tahir Hussain case : आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) को 2020 में हुए उत्तरी दिल्ली के दंगों के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने ताहिर हुसैन के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। 2020 में जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत आए थे तो उस दौरान दिल्ली में काफी हिंसा भड़की थी।
न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति सी टी रवि कुमार की पीठ ने कहा कि वह दिल्ली उच्च न्यायालय के 16 सितंबर के आदेश में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है, क्योंकि यह एक अंतरिम आदेश है। वहीं हुसैन के वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी ने दलील दी कि यह एक स्थापित कानून है कि एक ही घटना के लिए दो प्राथमिकी नहीं हो सकतीं।
उन्होंने कहा कि इसने Tahir Hussain को एक अजीबोगरीब स्थिति में डाल दिया है, क्योंकि उनके खिलाफ एक ही घटना से जुड़े समान अपराधों के लिए आरोप तय किए गए हैं और जांच एजेंसी ने अभियोजन पक्ष के उन्हीं गवाहों पर विश्वास किया है। हुसैन ने दिल्ली हाई कोर्ट के 16 सितंबर के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसे आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है।
याचिकाकर्ता के लिए सभी विकल्प खुले
आज पीठ ने कहा कि वह हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है और याचिकाकर्ता के लिए सभी विकल्प खुले हुए हैं। उच्च न्यायालय ने हुसैन द्वारा दायर उन याचिकाओं पर नोटिस जारी किया था, जिनमें खजूरी खास पुलिस थाने में उनके खिलाफ दंगा करने और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने तथा प्राथमिकी के फलस्वरूप होने वाली कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की गई थी। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 जनवरी की तारीख मुकर्रर की है।
ये भी पढ़ें : इस वजह से सानिया मिर्जा का हो सकता है तलाक, सामने आई शोएब की पाकिस्तानी एक्ट्रेस के साथ बोल्ड तस्वीरें
ये भी पढ़ें : नवम्बर में ये 5G स्मार्टफोन होंगे लॉन्च, जानिए फीचर्स से लेकर कीमत तक सारी जानकारी
ये भी पढ़ें : अर्चना गौतम को बिग बॉस 16 से कितनी फीस मिली, क्या दोबारा होगी एंट्री