अखिलेश बंसल, बरनाला।
Aagrawal Community Minority In Punjab : देश की आजादी से लेकर जितनी भी सरकारें, मंत्री, प्रधानमंत्री आए किसी ने अग्रवाल समुदाय की उन्नति की बात नहीं की। यह जानते हुए भी कि देश में 85 फीसद अग्रवाल परिवार घुट-घुट कर अपना वक्त गुजार रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी की ओर से वर्ष 2022 विधान सभा चुनावों के लिए विस क्षेत्र बरनाला में अखाड़े में उतारे गए दो अग्रवाल नौजवानों और उनके साथ ही मतदाताओं के सामने अग्रवाल समाज की उन्नति और पंजाब का अग्रोहा धाम बनेगा या नहीं यह सवाल चुनौतियां हैं। गौरतलब है कि पंजाब में अग्रवाल परिवारों की संख्या सिखों और अन्य जातियों के मुकाबले काफी कम है।
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पंजाब में व्यापार हो, उद्योग हो या चाहे सरकारी क्षेत्र हो, हर जगह अग्रवाल समाज की अहम भूमिका रही है। बरनाला क्षेत्र की ही बात करें तो यहां ट्राइडेंट उद्योग समूह जिसके मैनेजिंग डायरेक्टर पद्मश्री राजिंदर गुप्ता हैं, जो अग्रवाल समाज से संबंधित हैं। जिन्होंने ना केवल खुद को उद्योग तक ही सीमित रखा बल्कि समाजसेवा, धर्म सेवा, खेल व शिक्षा क्षेत्र में भी प्रमुख किरदार निभाया है। वर्ष 2020 में आए कोरोना संकट काल में संक्रमित मरीजों को बचाने के लिए ऑक्सीजन से लेकर हर उस दवा व वस्तु के लंगर लगा दिए जिससे हजारों लोग बच सके हैं। इसी तरह टाटा व बिरला जैसे अग्रवाल समाज से संबंधित महान बंधुओं ने देश की आर्थिकता को मजबूत कर विश्व में पहचान कायम की है।
अग्रवाल समुदाय के महान दानी दीवान टोडर मल जी ने दशम पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के साहिबजादों के अंतिम संस्कार के वक्त श्री फतेहगढ़ साहिब में थोड़ी सी जगह लेने के बदले मुस्लिम समुदाय के जालिम हुक्मरानों को मुंह मांगी कीमत स्वर्ण मुद्राओं के तौर पर अदा की। आज के समय में उन स्वर्ण मुद्राओं की कीमत लाखों या करोड़ों में नहीं अरबों-खरबों में है। बता दें कि दीवान टोडर मल जी की जन्मस्थली (जहाज हवेली) श्री फतेहगढ़ साहिब में ही स्थित है, जो पूरी तरह से खंडहर है, लेकिन किसी सरकार ने उस जहाज हवेली का नवीनीकरण नहीं किया है। सरकारी प्रयास नहीं होने और राज्य का मुख्यमंत्री अग्रवाल नहीं होने से अग्रवाल समाज, जहाज हवेली को पंजाब का अग्रोहा धाम नहीं बना सका है।
2022 के चुनावों में अग्रवाल समाज से संबंधित परिवारों को उम्मीद है कि अगर राज्य में अग्रवाल उम्मीदवारों की विजयश्री हासिल होती है तो वह पुरानी संस्कृति के मुताबिक बाकी तमाम जातियों का भला व धर्मों का सम्मान तो करेंगे ही, साथ ही अग्रवाल समाज की उन्नती का राह भी आसान करेंगे।
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