पुलिस ने ट्रक और लकड़ी को किया जब्त
Karnal News (आज समाज) करनाल: हरियाणा के करनाल में अवैध रूप से काटी गई खैर की लकड़ी से भरा ट्रक पकड़ने में पुलिस ने कामयाबी हासिल की है। यह कार्रवाई वन विभाग और पुलिस ने संयुक्त रूप से की। पुलिस ने ट्रक और लकड़ी को जब्त कर लिया है। बताया जा रहा है कि यह लकड़ी वन्यजीव अभ्यारण्य क्षेत्र से चुराई गई थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

प्राप्त जानकारी अनुसार वन विभाग के अधिकारी अनुज कुमार को गुप्त सूचना मिली कि कुछ लोग जंगल से चोरी की गई खैर की लकड़ी को एक टाटा कैंटर में भरकर बाजार में बेचने के लिए करनाल की ओर जा रहे हैं। इस ट्रक के साथ एक स्विफ्ट कार भी थी, जिसमें बैठे लोग ट्रक की निगरानी कर रहे थे। इस सूचना पर अनुज कुमार ने अपने साथियों वन रक्षक सुरेंद्र, राजेंद्र, योगेश, वन दरोगा संजीव, मान सिंह और अंकित के साथ गश्त शुरू की और पुलिस को भी जानकारी दी।

कलसौरा गांव के नजदीक वन विभाग की टीम व पुलिस ने की नाकेबंदी

वन विभाग की टीम ने पुलिस के साथ मिलकर कलसौरा गांव के पास नाकाबंदी कर दी। सुबह करीब 7 बजे जब संदिग्ध ट्रक वहां पहुंचा, तो उसे रुकने का इशारा किया गया, लेकिन चालक ने नाका तोड़कर तेज गति से ट्रक को भगाना शुरू कर दिया। इस दौरान उसने ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी को टक्कर मारने की कोशिश भी की। ट्रक के साथ चल रही स्विफ्ट कार में मौजूद लोग उसे बचाने की कोशिश में लगे रहे, लेकिन पुलिस और वन विभाग की टीम ने ट्रक का पीछा जारी रखा।

नाका तोड़कर भागा ट्रक चालक

करीब 10 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद ट्रक को डबकौली गांव के पास रोका गया। खुद को घिरा देख ट्रक चालक असरफ पुत्र मनसब और अन्य आरोपी खेतों की ओर भाग निकले। अनुज कुमार और उनकी टीम ने ट्रक की जांच की, जिसमें भारी मात्रा में छिली हुई खैर की लकड़ी मिली। वन विभाग की टीम ने ट्रक को जब्त कर पुलिस को सौंप दिया।

इन पर दर्ज किया केस

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी दाऊद पुत्र असगर, इरसाद पुत्र असगर, असरफ पुत्र मनसब और सरवेज पुत्र कामिल लंबे समय से खैर की लकड़ी की तस्करी में लिप्त हैं। इनके खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हैं।

इस बार भी इन्होंने वन्य प्राणी विहार जंगल खिल्लावाला, आम्बवाली, बागपत और खोल फतेहगढ़ जंगल से खैर के पेड़ काटे थे। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 32, 33, 51 और वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, 27, 29, 39, 50 के तहत मामला दर्ज किया है।

ये भी पढ़ें: हरियाणा में 25 से 30 फीसदी बढ़ सकता है मेयर-पार्षदों का मानदेय

ये भी पढ़ें : हरियाणा निकाय चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ, जनता का भरोसा भाजपा के साथ