जगदीश सेठ, नवांशहर:
स्वास्थ्य विभाग ने 1 जनवरी 2023 से सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम में बदलाव किया है। भारत सरकार के निर्देशानुसार अगले वर्ष एक जनवरी से सभी बच्चों को निष्क्रिय पोलियो विषाणु टीके की कुल तीन खुराकें दी जाएंगी।
सिविल सर्जन कार्यालय में स्वास्थ्य अधिकारियों व कर्मचारियों को दी गई विशेष ट्रेनिंग
इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. देविंदर ढांडा के कुशल मार्गदर्शन में आज सिविल सर्जन कार्यालय में पोलियो वैक्सीन की तीसरी खुराक शुरू करने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों व कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के निगरानी चिकित्सा अधिकारी डॉ. गगन शर्मा ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से पोलियो रोग के इतिहास, सावधानियों, जागरूकता, राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय पल्स पोलियो राउंड को आंकड़ों और चित्रों के साथ प्रभावी ढंग से विस्तार से बताया। इस प्रशिक्षण में सभी वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, ब्लॉक नोडल अधिकारी, ब्लॉक एक्सटेंशन शिक्षक, एलएचवी और एएनएम ने भाग लिया।
सिविल सर्जन डॉ. देविंदर ढांडा ने अपने संबोधन में कहा कि इस साल अमेरिका, इजराइल, इंडोनेशिया और ब्रिटेन जैसे देशों में पोलियो के संदिग्ध मामले देखे गए हैं। इसके अलावा हमारे पड़ोसी देशों पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो वायरस का संक्रमण अभी भी जारी है जो भारत में भी प्रवेश कर सकता है। इसे देखते हुए यह पोलियो वायरस उन बच्चों के लिए खतरा पैदा कर सकता है जिन्हें पोलियो का टीका नहीं लगा है। इस खतरे को देखते हुए भारत में टीकाकरण सूची में पोलियो वैक्सीन की एक अतिरिक्त खुराक शामिल करने का निर्णय लिया गया है।
खसरा-रूबेला टीके की पहली खुराक के साथ पोलियो के टीके की अतिरिक्त खुराक दी जाएगी
सिविल सर्जन ने बताया कि पोलियो से बचाव के लिए वर्तमान में दो टीके लगाए जाते हैं। पहला इंजेक्शन 6 सप्ताह और दूसरा 14 सप्ताह पर दिया जाता है और अब तीसरा इंजेक्शन बच्चे के नौ महीने का होने पर खसरा-रूबेला के टीके की पहली खुराक के साथ दिया जाएगा। नए शेड्यूल के बाद भी पहले की तरह ओरल वैक्सीन दी जाती रहेगी।
डॉ। ढांडा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिन बच्चों को खसरा-रूबेला के टीके की पहली खुराक मिल चुकी है, उन्हें पोलियो के टीके की तीसरी खुराक नहीं दी जायेगी। अगर एफआईपीवी यदि कम से कम एक खुराक एक वर्ष की आयु से पहले दी जाती है तो शेष खुराक दी जाएगी लेकिन यदि पहली खुराक एक वर्ष की आयु से पहले नहीं दी जाती है तो यह तीसरा इंजेक्शन नहीं दिया जाएगा।
बीमारियों से बचाना स्वास्थ्य विभाग का प्राथमिक कर्तव्य है
इस अवसर पर जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. बलविंदर कुमार ने कहा कि सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत बच्चों को पीलिया, पोलियो, तपेदिक, काली खांसी, टिटनेस, निमोनिया और दस्त, खसरा, रूबेला और अंधापन जैसी जानलेवा बीमारियों के खिलाफ टीका लगाया जाता है। बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से बच्चों को पोलियो व अन्य बीमारियों से बचाना स्वास्थ्य विभाग का प्राथमिक कर्तव्य है, लेकिन इस प्रक्रिया में अभिभावकों का जागरूक होना भी बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों का मानना है कि तीसरी खुराक शुरू करने से बच्चों के शरीर को पोलियो के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि एलएचवीजे और एएनएमजे को कहा गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में उच्च जोखिम वाले और झुग्गी-झोपड़ी वाले क्षेत्रों का सर्वेक्षण करें ताकि टीकाकरण से वंचित बच्चों की तलाश की जा सके और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर कवर किया जा सके।
इस मौके पर ये सभी उपस्थित
इस मौके पर वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डाॅ. कुलविंदर मान, डॉ. प्रतिभा वर्मा, डॉ. गुरिंदरजीत सिंह, डॉ. मनदीप कमल, डॉ. रंजीत हरीश, डॉ. हरपिंदर सिंह, उप समूह शिक्षा एवं सूचना अधिकारी तरसेम लाल, प्रखंड विस्तार शिक्षक विकास विर्दी, हरप्रीत सिंह, निर्मल सिंह, राज कुमार, गुरकिरपाल सिंह संधू सहित एलएचवी सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
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