करनाल पुलिस ने ऑपरेशन स्माइल” के तहत छह गुमशुदा बच्चों को ढूंढ कर किया परिवार के हवाले

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A special campaign
A special campaign "Operation Smile" was launched in the month of April
  • *अप्रैल माह में चलाया स्पेशल अभियान”ऑपरेशन स्माइल”*

करनाल, 11अप्रैल, इशिका ठाकुर:
करनाल पुलिस ने मानव तस्करी के खिलाफ और बंधुआ मजदूरों को रेस्क्यू करने के लिए अप्रैल माह में स्पेशल अभियान “ ऑपरेशन स्माइल” शुरूआत की है। इसके तहत गुमशुदा बच्चों को ढूंढने और उनके परिवार से मिलवाया जाता है। करनाल पुलिस द्वारा इस मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाना और मानव तस्करी से संबंधित किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना है। अप्रैल माह के पहले हफ्ते में ही करनाल पुलिस के पुलिस थाना रामनगर, सदर,सेक्टर-32/33, सिविल लाईन, शहर व थाना तरावडी की टीम द्वारा अपने-अपने एरिया से गुम हुए छह बच्चों को खोजकर उनके परिजनों से मिलवाकर उनकी खुशियां लौटाकर सराहनीय कार्य किया है। खोजे गए बच्चों में पांच लडकियां व एक लडका शामिल है। इनमें से पांच बच्चे नाबालिग व एक लडकी बालिग है। इन बच्चों को खोजकर बाल कल्याण समिति के सम्मुख पेश करके काउंसलिंग करवाई गई और पांच बच्चों को उनके परिजनों के हवाले किया गया। वही एक लडकी के परिजनों की तलाश जारी है। उसके परिजनों की तलाश करके उसे भी जल्द परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा। फिलहाल उसे सेल्टर होम में रखा गया है।

पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा और उनके उज्जवल भविष्य को ध्यान में रखते हुए उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार जिला पुलिस द्वारा ऑपरेशन स्माइल चलाया जा रहा है। ऑपरेशन स्माइल के तहत स्कूल की बजाय किसी जगह पर कार्य करने, भीख मांगने वाले बच्चों का रेस्क्यू करना व अपने परिजनों से बिछडे हुए बच्चों को खोजकर उनकी काउंसलिंग की जाती है और उनके परिजनों के हवाले किया जाता है। इसके अलावा उनके माता-पिता को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए जागरूक किया जाता है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जिला पुलिस का यह अभियान बहुत ही सराहनीय है। जिससे बहुत से बच्चों का जीवन सकारात्मक दिशा में पथ प्रदर्शित होगा और वह पढ़ लिखकर एक अच्छे समाज का निर्माण करेंगे।

उन्होंने कहा कि बच्चे इस देश का भविष्य है और शिक्षा किसी भी इंसान के लिए बहुत जरूरी होती है। शिक्षा के माध्यम से इंसान ज्ञान की प्राप्ति करता है और इसके साथ-साथ वह नैतिक रूप से भी समृद्ध बनता है, जो अपने साथ-साथ अपने समाज के लिए भी कार्य करता है। उन्होंने कहा कि परिजनों को अपने बच्चों को स्कूल में भेजकर अच्छी शिक्षा दिलानी चाहिए ना कि उन्हें भीख मांगने या लेबर जैसे कार्य में लिप्त करके उनके भविष्य को अंधेरे में धकेलना चाहिए।

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