National Highways, नई दिल्ली: अब वह दिन दूर नहीं जब नेशनल हाईवे का सफर और भी ज्यादा सुहाना हो जाएगा. दरअसल, देश भर के नेशनल हाईवे पर सुरंगों का जाल बिछाए जाने की योजना चल रही है. इस विषय में केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी दी कि 74 नई सुरंगें बनाई जाएंगी. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा इन सुरंगों पर 1 लाख करोड रुपए की लागत खर्च की जाएगी. इससे नेशनल हाईवे नेटवर्क मजबूत होगा. आगामी कुछ वर्षों में इनका निर्माण कर दिया जाएगा. 273 किलोमीटर की लंबाई वाली इन सुरंगों का नियमित ऑडिट भी कराया जाएगा.
विदेशी कंपनियों की भी होगी भागीदारी
फिक्की की तरफ से आयोजित किए गए टनलिंग इंडिया सम्मेलन के दूसरे संस्करण में केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि इन सुरंगों के निर्माण में विदेशी कंपनियों की भागीदारी आधी से ज्यादा होगी. इस परियोजना के लिए डीपीआर तैयार करने वाले संयुक्त उद्योगों में विदेशी भागीदारों या कंपनियों को 51 फ़ीसदी हिस्सेदारी देनी चाहिए. काम की गुणवत्ता को चेक करने के लिए भारतीय कंपनियों की 49%हिस्सेदारी छोड़नी चाहिए.
उन्होंने जानकारी दी कि इस परियोजना के लिए टेक्नोलॉजी और वित्तीय मापदंड आसान होने चाहिए, लेकिन इसके साथ- साथ क्वालिटी का भी ध्यान रखना चाहिए. डीपीआर निर्माता सुरंग के निर्माण के दौरान निगरानी की कमी के दोषी हैं, जिसके कारण अक्सर भूस्खलन जैसी समस्याएं सामने आती हैं. देश में ये समस्याएं हर साल बढ़ती जा रही हैं.
भूस्खलन का होना चाहिए स्थाई समाधान
पहाड़ी इलाकों में हो रहे भूस्खलन के मामलों से निपटने के लिए स्थाई समाधान खोजा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक की लागत को भी कम किया जाना जरूरी है. यदि हम इसे 9% तक कम कर देंगे, तो हमारे निर्यात में 1.5 गुना वृद्धि होगी. आर्थिक शोध संस्थान नेशनल कौंसिल ऑफ एंप्लॉय इकोनामिक रिसर्च के आंकड़े बताते हैं कि देश में 2021- 22 में लॉजिस्टिक लागत सकल घरेलू उत्पाद की 7.8% से 8.9% के बीच में थी.