एजेंसी,नई दिल्ली। रूस में एक ऐसा काननू पास किया गया है जिससे वहां स्वतंत्र पत्रकारों पर संकट मंडराने लगा है। रूस ने काननू पास किया है कि किसी भी स्वतंत्र पत्रकार और ब्लॉगरों को विदेशी एजेंट घोषित किया जा सकता है। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने इस विवादित कानून को तत्काल प्रभाव से लागू किया है। हालांकि आलोचकों ने इस कदम को मीडिया की आजादी का उल्लंघन बताया है। रूस के राष्टÑपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा हस्ताक्षर किए गए इस कानून में अधिकारियों को ब्रांड मीडिया संगठनों और गैर सरकारी संगठनों को विदेशी एजेंट घोषित करने की शक्ति प्रदान की गई है। रूसी में सरकारी बेवसाइट पर एक दस्तावेज प्रकाशित किया गया है जिसके अनुसारर यह नया कानून तत्काल प्रभाव से लागू होगा। विदेशी एजेंट उन्हें कहा जाता है जो राजनीति में शामिल होते हैं और विदेशों से धन प्राप्त करते हैं।
यह साबित होने पर इन्हें एक विस्तृत दस्तावेज सौंपना होगा या जुमार्ना भरना होगा। एमनेस्टी इंटरनेशनल और रिपोर्टर्स विदआउट बॉडर्स समेत नौ मानवाधिकार एनजीओ ने चिंता व्यक्त की है कि यह कानून न केवल पत्रकारों तक सीमित है बल्कि ब्लॉगरों और इंटरनेट उपभोक्ताओं पर भी लागू होगा जिन्हें विभिन्न मीडिया आउटलेट से छात्रवृत्तियां, फंडिंग या राजस्व मिलता है। रूस ने इस कानून को लागू करने का कारण बताते हुए कहा कि वह इसलिए यह कानून चाहता था कि अगर पश्चिमी देशों में उसके पत्रकारों को विदेशी एजेंट बताया जाता है तो वह भी जैसे को तैसा कर सके। रूस ने पहली बार 2017 में यह कानून पारित किया था जब क्रेमलिन के फंड वाले आरटी टेलीविजन को अमेरिका में विदेश एजेंट घोषित किया गया था।