एक ऐसा परिवार जो पीढ़ी दर पीढ़ी साहित्य को समर्पित

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शनिवार सुबह तीन पीढ़ियों की पुस्तकों का एक साथ होगा विमोचन
आज समाज डिजिटल, चंडीगढ़:
पीढ़ीगत विरासतें दूरगामी विचार नहीं लगती जब बात मनोरंजन जगत, खेल जगत, नौकरशाही या राजनीतिक क्षेत्र की हो, लेकिन साहित्य के प्रति प्रेम को समर्पित पीढ़ियां बहुत दुर्लभ हैं। एक ऐसी ही साहित्य प्रेम विरासती शुरुआत 19वीं शताब्दी में हुई, जब लोक-कवी ज्ञानी ईशर सिंह ‘दर्द’ ने उत्कृष्ट क्रांतिकारी कविता लिखनी शुरू की। फिर इस विरासत की कमान संभाली उनके बड़े बेटे संतोख सिंह धीर ने। इसके बाद दर्द के छोटे बेटे एडवोकेट रिपुदमन सिंह रूप ने भी पंजाबी साहित्य में अच्छा नाम कमाया। इसके बाद रूप के बड़े बेटे संजीवन सिंह, छोटे बेटे रंजीवन सिंह भी साहित्य लेखन से जुड़ गए। अब रूप की पोत्री ऐडवोकेट रितू राग अंग्रेजी की कवित्री हैं वहीं उनका पोत्रा लॉ स्टूडेंट रिशम राग सिंह भी पंजाबी गीतकारी में हाथ अजमा रहा है। इसी के चलते रूप का नव-प्रकाशित पंजाबी कहानी संग्रह पोह फुटाले तक, उनके बेटे संजीवन सिंह की नाट्य-पुस्तक दफ्तर और उनकी पोती रितू राग का पहला अंग्रेजी काव्य संग्रह यू एंड आई का विमोचन एक साथ 21 अगस्त 2021 शनिवार को सुबह 10:30 बजे पंजाबी लेखक सभा, चंडीगढ़ के मंच से पंजाब कला भवन, सेक्टर-16, चंडीगढ़ में होगा। पीढ़ी दर पीढ़ी साहित्य के प्रति लगन और तीन पीढ़ियों की नव-प्रकाशित पुस्तकों का एक साथ विमोचन होना साहित्य जगत में एक अनूठी मिसाल है।