पंडित रामजीलाल के भतीजे है भव्य को हराने वाले चंद्र प्रकाश
Hisar News (आज समाज) हिसार: गत दिवस जारी हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों ने सबको चौंका दिया। एग्जिट पोल के आंकड़ों कांग्रेस के पक्ष में आने के बाद जब वास्तविक परिणाम आया तो सब हैरान रह गए। जीत की हैट्रिक लगाते हुए भाजपा तीसरी बार प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने वाली पार्टी बनी। हरियाणा के इतिहास में अभी तक कोई भी पार्टी लगातार तीन चुनाव नहीं जीत पाई। भाजपा के तीसरी बार सरकार बनाने पर कांग्रेस के सभी सपने चूर हा गए। अगर बात करें हिसार की आदमपुर विधानसभा सीट कि तो इस सीट पर भी सबसे बड़ा उलटफेर देखने को मिला। पिछले 57 साल से भजनलाल परिवार का गढ़ आदमपुर अबकी बार ढह गया। आदमपुर के किले को भेदने वाला कोई ओर नहीं बल्कि भजनलाल परिवार का बेहद करीबी ही है।
जिस व्यक्ति ने भजनलाल परिवार के किले को भेदा उसका नाम है चंद्रप्रकाश। चंद्र प्रकाश पूर्व में एक आईएएस अधिकारी रहे है और वह पंडित रामजीलाल के भतीजे है। यह वहीं रामजीलाल है जिनका हाथ पकड़ कर भजनलाल ने राजनीति की सीढ़िया चढ़ी। रामजीलाल को भजनलाल का परम मित्र भी माना जाता था। रामजीलाल के वोट से ही भजनलाल आदमपुर ब्लॉक समिति के चैयरमैन बने थे।
1967 से लगातार जीतता आ रहा था भजन लाल परिवार
आदमपुर को भजनलाल परिवार का गढ़ इसलिए कहा जाता था क्योंकि 1967 से लेकर अब तक यहां से भजनलाल या उनके परिवार का सदस्य की चुनाव जीता है। अबकी बार चुनाव मैदान में भजनलाल परिवार की तीसरी पीढ़ी से उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई चुनावी रण में उतरे थे। भव्य बिश्नोई ने यहां से 2022 में हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर अपनी राजनीति पारी की शुरुआत की थी। लेकिन 2024 के चुनाव में भव्य को पूर्व आईएएस चंद्रप्रकाश से हार का सामना करना पड़ा। कड़े मुकाबले में भव्य 1768 वोटों से चुनाव हार गए।
पंडित रामजीलाल के कारण मिलता रहा ओबीसी वोटर्स का सहारा
आदमपुर में वैसे तो सबसे अधिक वोट जाट समुदाय के है। लेकिन भजनलाल परिवार को पंडित रामजीलाल के कारण मिलता हमेशा से ही ओबीसी वोटर्स का सहारा मिलता रहा है। लेकिन कांग्रेस ने रामजीलाल के भतीजे पूर्व आईएस चंद्र प्रकाश को ही टिकट दे दिया। इससे बिश्नोई परिवार की चिंता बढ़ गई थीं। बिश्नोई वोटरों के बराबर ही ओबीसी वोटर आदमपुर में हैं। यह वोट कांग्रेस की तरफ शिफ्ट हुए।
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