Premanand Ji Maharaj जो धर्म और जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझाने के लिए जाने जाते हैं, ने हाल ही में ध्यान पर अपने अमूल्य विचार शेयर किए।
वे एक महान संत और विचारक हैं, जिनकी शिक्षाओं से कई लोगों का जीवन सकारात्मक रूप से प्रभावित हुआ है।
बड़े-बड़े नेता, अभिनेता और खिलाड़ी उनके दर्शन के लिए वृंदावन जाते हैं।
महाराज जी के मुताबिक, ध्यान सिर्फ कुछ देर के लिए आँखें मूंदकर बैठना नहीं है।
उनका मानना है कि ध्यान का वास्तविक अर्थ है हमेशा ध्यान में रहना।
इसका मतलब केवल बाहरी शांति नहीं, बल्कि मन और इंद्रियों को काबू में रखते हुए परमात्मा में पूर्णतः लीन हो जाना है।
ध्यान तब पूर्ण होता है जब हमारी चित्त वृत्ति पूरी तरह से परमात्मा में समर्पित हो जाती है।
ध्यान का मतलब सिर्फ बैठकर चुप रहना नहीं, बल्कि मन की चंचलता को रोककर उसे परमात्मा में तन्मय करना है।
सच्चा ध्यान हमें आंतरिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाता है।