राजस्थान में एक साथ नौ नवजातों की मौत हुई। यह घटना कोटा के जेकेलोन अस्पताल की हैजहां बुधवार रात 2 बजे से गुरुवार सुबह 10:30 बजे यानी लगभग आठ घंटे में नौ नवजातोंकी मौत हो गई। सभी नवजात चार से पांच दिन के ही थे। नवजातों की मौत के मामलें में परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के स्टाफ ने ध्यान नहीं दिया। हम लोग रात में बच्चों की हालत बिगड़ने पर मदद के लिए गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन नाइट ड्यूटी स्टॉफ सोता रहा। यहां तक कि कई बार बुलाने पर भी डाक्टर नहीं आए और हमें भी बार-बार बुलाने पर डांटकर वहां से भगा दिया गया। बता दें कि बीते साल भी ऐसी ही घटना इस अस्पताल में हुई थी। इस अस्पताल में 48 घंटे के अंदर 10 नवजातों की मौत पिछले साल दिसंबर में हुई थी। कल हुई बच्चों की मौत के बाद चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का कहना है कि 3 बच्चे को मृत ही लाए गए थे, 3 बच्चों को जन्मजात बीमारी थी और 3 बच्चों की मौत फेफड़ों में दूध जाने के कारण हुई है। सीएमओ और हैल्थ मिनिस्टर ने पूरे मामले पर रिपोर्ट मांग ली। शाम को संभागीय आयुक्त केसी मीणा और कलेक्टर उज्जवल राठौड़ हॉस्पिटल पहुंचे और वार्डों का निरीक्षण किया। दोनों अफसरों ने प्रिंसिपल डा. विजय सरदाना, एडिशनल प्रिंसिपल डा. राकेश शर्मा, अधीक्षक डा. एससी दुलारा, एचओडी डा. एएल बैरवा के साथ मीटिंग की और सभी पहलुओं पर चर्चा कर जरूरी निर्देश दिए।