Himachal News : शैलेष भटनागर। धर्मशाला। केंद्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री (Union Minister of State for Jal Shakti) वी. सोमन्ना (V. Somanna) ने राज्यसभा सांसद (MP, Rajya Sabha) इंदु गोस्वामी (Indu Goswami) को संसद (Parliament) में एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि वर्ष 2024-25 के दौरान 6 अगस्त, 2024 तक हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की 76 प्रयोगशालाओं (laboratory) में 83,476 पेयजल सैंपल (Water Sample) गुणवत्ता के लिए भेजे गए, जिसमें से 83,421 पेयजल सैंपल गुणवत्ता के लिए टेस्ट किए गए जिसमें से 15 पेयजल सैंपल दूषित पाए गए और इनमें से 6 मामलों में कार्यवाई अम्ल में लाई गई।
उन्होंने बताया कि राज्य में पानी की गुणवत्ता मापने के लिए 62 NAVL प्रमाणित प्रयोगशालाएं हैं। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश के 17,938 गांवों में से 1,7573 गांवों की 71,320 महिलाओं को पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए फील्ड टेस्टिंग किट (Field Testing Kit) उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य के 365 गांवों में से किसी भी महिला को पीने के पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए फील्ड टेस्टिंग किट उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में पीने के पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए राज्य स्तर पर 1 प्रयोगशाला, जिला स्तर पर 14 प्रयोगशालाएं, उपमंडल स्तर पर 56 प्रयोगशालाएं तथा 5 मोबाइल वैैन प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं तथा कुल 76 प्रयोगशालाओं में से 62 NAVL प्रमाणित प्रयोगशालाएं हैं।
उन्होंने बताया कि पूरे देश में वर्ष 2024-25 के दौरान 6 अगस्त, 2024 तक 2,163 प्रयोगशालाओं में 4,02,996 गांवों के 26,71,436 पीने के पानी के सैंपल टेस्ट किए गए जिसमें से 97,745 सैंपल दूषित पाए गए।
उन्होंने बताया कि राज्यों में ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी की गुणवत्ता को जांचने के लिए समुदायों के शक्तिकरण के लिए हर गांव से 5 व्यक्तियों/महिलाओं को फील्ड टेस्टिंग किट के माध्यम में पीने के पानी की गुणवत्ता को जांचने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है और अभी तक देश में 24.61 लाख महिलाओं को फील्ड टेस्टिंग किट के माध्यम में पीने के पानी की गुणवत्ता को जांचने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। Himachal News
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