सीएम की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया फैसला
Punjab News Today (आज समाज), चंडीगढ़ : राज्य के लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग में ग्रुप-सी कैडर के 822 पदों के सृजन की भी अनुमति दी है। यह विभाग की कार्यकुशलता को बढ़ाने में मदद करेगा, जिससे लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं मिलने से बड़ा लाभ होगा। मंत्रिमंडल ने डॉ. बीआर.अंबेडकर स्टेट इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज, एस.ए.एस. नगर में विभिन्न कैडरों के 97 पदों के सृजन की भी अनुमति दी है। यह कदम लोगों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए संस्थान के कामकाज को और अधिक प्रभावी बनाने में सहायक होगा।
50 हजार युवाओं को मिलेगा रोजगार
नौजवानों के लिए रोजगार के 50,000 से अधिक अवसर पैदा करने का उद्देश्य से मंत्रिमंडल ने अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे (एकेआईसी) परियोजना के हिस्से के रूप में राजपुरा में इंटीग्रेटेड मैनुफेक्चरिंग क्लस्टर एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (आईएमसी) स्थापित किया जा रहा है। इस परियोजना को लागू करने के लिए बनाए गए स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी), एनआईसीडीसी पंजाब इंडस्ट्रीयल कोरिडोर डेवलेपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड” को भूमि के हस्तांतरण के लिए स्टांप शुल्क, पंजीकरण शुल्क और अन्य अतिरिक्त खर्चों में छूट देने की अनुमति दी गई है।
इस परियोजना का उद्देश्य स्थानीय व्यापार, वैश्विक प्रतिस्पर्धी व्यवसाय और निवेश के लिए उपयुक्त माहौल बनाने के लिए विशेष व्यवस्था कायम करना है। यह परियोजना औद्योगिक क्षेत्र में लगभग 32724 और गैर-औद्योगिक क्षेत्र में 14880 लोगों के लिए रोजगार पैदा करेगी।
1500 एकड़ भूमि में कमजोर वर्गों को घर दिए जाएंगे
समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को घर उपलब्ध कराने के प्रयास के रूप में मंत्रिमंडल ने “आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ई.वी.एस.) के लिए आरक्षित भूमि का सही उपयोग” पर नीति को मंजूरी दे दी। इसके अनुसार विभिन्न कालोनियों में बंजर पड़ी भूमि से राजस्व उत्पन्न किया जाएगा और इस तरह की बिक्री से प्राप्त फंडों का उपयोग आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लाभ के लिए किया जाएगा। प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा पूरे राज्य में 1500 एकड़ भूमि अधिग्रहित कर इसे आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए मकान बनाने के लिए उपयोग किया जाएगा।
राज्य के विकास प्राधिकरणों को अधिकृत किया जाएगा कि वे अपने स्तर पर इन बंजर पड़ी भूमि के लिए इस तरह की योजना बनाएं ताकि उपभोक्ता की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके और इन स्थानों की नीलामी करके विभाग के लिए पर्याप्त राजस्व उत्पन्न हो सके। विकास प्राधिकरणों को ई.वी.एस. के लिए प्लॉट या घर बनाने के लिए भूमि के विभिन्न हिस्सों की पहचान करने और उसे अधिग्रहित करने के लिए भी अधिकृत किया जाएगा ताकि राज्य सरकार समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हितों का ध्यान रख सके।
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