Haryana Assembly Election: अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे देवीलाल परिवार से 8 सदस्य चुनाव में

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अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे देवीलाल परिवार से 8 सदस्य चुनाव में
Haryana Assembly Election : अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे देवीलाल परिवार से 8 सदस्य चुनाव में

सिरसा में दो विधानसभा सीटों पर चौटाला परिवार सामने-सामने
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: अबकी बार हरियाणा के विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला लगातार दो टर्म शासन करने वाली सत्ताधारी भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के बीच माना जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ कई राजनीतिक परिवारों के दिग्गज और उनकी संतान चुनावी रण में उतरी हैं और जीत सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। साथ ही प्रमुख राजनीतिक परिवारों में से एक है पूर्व डिप्टी पीएम दिवंगत चौधरी देवीलाल का परिवार जो फिलहाल प्रदेश की राजनीति में हाशिए पर चल रहा है, वो अपना स्वर्णिम दौर पाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। अबकी बार के चुनावी रण में देवीलाल के पुत्र, पोते ओर पड़पोते तीन पीढ़ियां मैदान में उतरी हैं। कई सीट पर तो परिवार के सदस्य अस्तित्व और वर्चस्व की लड़ाई में आमने-सामने खड़े हैं। पिछली दफा देवीलाल के पुत्र रणजीत सिंह चौटाला और पोते अजय सिंह चौटाला का परिवार सत्ता में हिस्सेदारी रहा। लेकिन पिछले कुछ माह में दोनों ही परिवार एक तरह से अचानक राजनीतिक तौर पर हाशिए पर चले गए। इससे पहले इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी लगातार पिछले 20 साल से सत्ता से बाहर है ऐसे में अब यह देखना रोचक होगा कि देवीलाल का परिवार क्या सता की इस लड़ाई में खुद को एक बार फिर साबित कर पता है या नहीं।

डबवाली में आदित्य चौटाला का मुकाबला दिग्विजय व अमित सिहाग से

चुनाव में देवीलाल परिवार के 8 सदस्य चुनावी मैदान में हैं और अकेले डबवाली विधानसभा सीट से ही 3 सदस्य आमने-सामने हैं। डबवाली में इनेलो से खड़े चाचा आदित्य चौटाला का मुकाबला 2 भतीजों दिग्विजय चौटाला और अमित सिहाग से है, दिग्विजय चौटाला जननायक जनता पार्टी जजपा और अमित सिहाग मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस से चुनावी रण में हैं।इसी अलावा भाजपा द्वारा टिकट नहीं दिए जब पर रानियां हलके में दादा रणजीत चौटाला के सामने पोता और अभय चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला मैदान में है। वहीं अभय चौटाला ऐलनाबाद हलके से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं पर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला उचाना और सुनैना चौटाला फतेहाबाद से मैदान में हैं। उपरोक्त में चार पिछली बार विधायक बने थे। गत लोकसभा चुनाव में भी हिसार लोकसभा सीट पर चौटाला परिवार के सदस्यों ने 3 अलग-अलग पार्टियों भाजपा, जजपा और इनेलो से चुनाव लड़ा। तीनों ही चुनाव हार गए थे। इसमें चाचा ससुर रणजीत चौटाला, जेठानी नैना चौटाला और देवरानी सुनैना चौटाला में मुकाबला था।

2019 में चौटाला गांव के 5 लोग चुनाव लड़े

साल 2019 के विधानसभा चुनाव में भी चौटाला गांव और परिवार से कई सदस्यों ने चुनाव लड़ा था। ये हरियाणा का अकेला ऐसा राजनीतिक परिवार रहा जहां से सबसे ज्यादा विधायक चुनकर सदन में आए। डबवाली हलका में ही चौटाला गांव है, जो राजनीति की नर्सरी के तौर पर भी जाना जाता है। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में चौटाला गांव के 5 लोग रणजीत सिंह रानियां से, अभय चौटाला ऐलनाबाद से, दुष्यंत चौटाला उचाना से, नैना चौटाला बाढड़ा से और अमित सिहाग डबवाली से चुनाव जीत कर विधानसभा की चौखट तक पहुंचने में कामयाब हुए थे। चौटाला गांव से चौधरी साहब राम ने 1934 में पहली बार विधानसभा का चुनाव जीता था।

इनेलो और जेजेपी को दलित समुदाय आधारित पार्टियों का सहारा

हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल पिछले 20 साल से सत्ता से बाहर है तो इसके अलावा जननायक जनता पार्टी जो पिछले साढ़े चार साल तक भाजपा के साथ सत्ता में रही, वह भी लगातार रसातल में गई है। इनेलो ने अबकी बार सत्ता में वापसी के लिए बहुजन समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है जो कि दलित वोट बैंक आधारित पार्टी है। दूसरी तरफ जननायक जनता पार्टी में अबकी बार चंद्रशेखर के नेतृत्व वाली दलित समुदाय आधारित ही आजाद समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया है। दोनों पार्टियों की कोशिश है कि जाट वोट बैंक के अलावा दोनों दलित वोट बैंक में भी सेंधमारी कर सकें।

देवीलाल परिवार से आठ सदस्य 29 बार बने हैं विधायक

देवीलाल परिवार की बड़ी राजनीतिक विरासत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि परिवार से अब तक आठ सदस्य 29 बार विधायक बने हैं। खुद देवीलाल 2 बार देश के उप-प्रधानमंत्री बने एवं 2 बार मुख्यमंत्री रहे। उनके बेटे ओपी चौटाला ओमप्रकाश चौटाला सबसे ज्यादा पांच बार हरियाणा के सीएम रह चुके हैं देवीलाल साल 1952 और 1959 में सिरसा, 1962 में फतेहाबाद, 1974 में रोड़ी, 1977 में भट्ट, 1982, 1985 और 1987 में महम से विधायक निर्वाचित हुए। इसी तरह से चौ. ओमप्रकाश चौटाला 1970 में ऐलनाबाद, 1990 में बड़वा, 1993 में नरवाना, 1996 में रोडी, 2000 में नरवाना, 2005 में रोडी, 2009 में उचाना से विधायक निर्वाचित हुए। चौ. देवीलाल के बेटे प्रताप चौटाला 1967 में ऐलनाबाद से विधायक बने तो छोटे बेटे चौ. रणजीत सिंह 1987 में रोड़ी व 2019 में रानियां से विधायक चुने गए। देवीलाल के पौत्र हा. अजय चौटाला 1990 में राजस्थान के दाताराम गढ़, 1993 में नोहर से और 2009 में डबवाली से जबकि पौत्र अभय चौटाला 2000 में रोडी, 2010, 2014, 2019 और 2021 में ऐलनाबाद से विधायक चुने गए। इसी तरह से देवीलाल की पौत्रवधू नैना चौटाला 2014 में डबवाली एवं 2019 में बाढडा से विधायक बनीं जबकि चौ. देवीलाल के पड़पौत्र दुष्यंत चौटाला 2019 में उचाना से विधायक चुने गए थे।

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