7th Rozgar Mela: पीएम मोदी ने देश के 70 हजार से अधिक युवाओं को सौंपे नियुक्ति-पत्र

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7th Rozgar Mela
पीएम मोदी ने देश के 70 हजार से अधिक युवाओं को सौंपे नियुक्ति-पत्र

Aaj Samaj (आज समाज), 7th Rozgar Mela, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को रोजगार मेले में 70 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति-पत्र सौंपे। पीएम मोदी ने 22 अक्टूबर, 2022 को रोजगार मेले का पहला चरण शुरू किया था। उस समय पीएम ने कहा था कि हमारा लक्ष्य देश के 10 लाख युवाओं को साल 2023 के अंत तक सरकारी नौकरी देना है। उन्होंने 8 महीनों में 6 रोजगार मेलों में 4 लाख 33 हजार से ज्यादा लोगों को नियुक्ति-पत्र दिए हैं।

अब तक 4.33 लाख से ज्यादा लोगों को नियुक्ति-पत्र दिए

शनिवार को 7वां रोजगार मेला था। पीएम मोदी ने इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये युवाओं में नियुक्ति-पत्र सौंपे। रोजगार मेले का आयोजन देश में 20 से भी ज्यादा राज्यों में 44 जगहों पर किया गया। जिन युवाओं का नियुक्ति-पत्र सौंपे, उनकी भर्ती सरकारी विभागों और संगठनों में हुई है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं से कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में देश जब विकसित होने के लक्ष्य पर काम कर रहा है, आपका सरकारी नौकरी में आना बहुत बड़ा अवसर है।

उन्होंने कहा कि आज के दिन जिन युवाओं को नियुक्ति-पत्र मिल रहे हैं, उनके लिए यह यादगार और प्रेरणादायक दिन है क्योंकि साल 1947 में आज के ही दिन यानी 22 जुलाई को संविधान सभा ने तिरंगे का डिजाइन फाइनल किया था इसलिए सरकारी नौकरी में रहते हुए आपको हमेशा यह कोशिश करनी है कि तिरंगे की आन-बान-शान में कोई आंच न आए।

भारत का बैंकिंग सिस्टम आज विश्व में सबसे मजबूत

पीएम मोदी ने देश के बैंकिंग सेक्टर पर भी बात की। कांग्रेस का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में फोन बैंकिंग घोटाला हुआ था जिससे बैंकिंग सेक्टर की कमर टूट गई थी। साल 2014 में हमने बैंकिंग इंडस्ट्री को फिर खड़ा करने की कोशिश की और आज भारत का बैंकिंग सिस्टम दुनिया के सबसे मजबूत सिस्टम में गिना जाता है।

9 साल पहले ऐसी स्थिति नहीं थी। मोदी ने कहा कि आज हम डिजिटल लेन-देन करने में सक्षम हैं लेकिन 9 साल पहले जो सरकार थी, उस दौरान फोन बैंकिंग 140 करोड़ लोगों के लिए नहीं थी। कांग्रेस का नाम लिए बगैर पीएम ने कहा कि जो लोग एक खास परिवार के करीबी थे, वे बैंकों को फोन करते थे और उन्हें हजारों-करोड़ रुपए के लोन मिल जाते थे। ये लोन कभी चुकाए नहीं जाते थे।

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