नई दिल्ली। सरोगेसी धंधे के हो रहे दुरूपयोग को देखते हुए लोकसभा में इस पर रोक लगाने वाले विधेयक को लोकसभा में मंजूरी दे दी गई है। सरोगेसी से नि:संतानों को संतान को सुख दिलाना सुनिश्चित करने का प्रावधान किया गया है। इस विधेयक को लोकसभा में ध्वनिमत से पास किया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने विधेयक पर चर्चा करते हुए कहा कि, इससे हमारे देश में हो रहे महिला उत्पीड़न पर रोक लगेगी और साथ ही इस धंधे पर लगाम लगेगी। उन्होंने कहा कि जापान, ब्रिटेन, आॅस्ट्रेलिया, स्पेन, स्विट्जरलैंड और जर्मनी समेत कई देशों में व्यावसायिक सरोगेसी प्रतिबंधित है, केवल यूक्रेन, रूस व अमेरिका के कैलिफोर्निया प्रांत में यह वैध है।
हमारे देश में प्रावधान
संतान चाहने वाली महिला की उम्र 23 से 50 वर्ष और पुरुष की उम्र 26 से 55 वर्ष के बीच होना जरूरी।
दंपती की शादी के कम से कम पांच वर्ष होना अनिवार्य और सरोगेसी के लिए भारत का नागरिक होना चाहिए ।
जिस महिला को सरोगेट मां बनाया जाएगा, उसका भारतीय नागरिक और संतान पाने वाले दंपती का करीबी रिश्तेदार होना जरूरी।
सरोगेट मां की उम्र 25 से 35 वर्ष होना जरूरी। सरोगेट मां का शोषण रोकने व सरोगेट बच्चों के अधिकार तय करने का प्रावधान।
सरोगेसी के लिए मानव भ्रूण की बिक्री पर 10 साल की सजा और अधिकतम 10 लाख रुपये का जुमार्ना।
सरोगेसी सेवा देने वाले हर क्लीनिक के लिए पंजीकरण होना चाहिए।