आर्ट ऑफ लिविंग संस्था ने उठाया 75 लाख वृक्ष लगाने का बीड़ा

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75th Festival Of Independence
75th Festival Of Independence

मनोज वर्मा, Kaithal News : श्री रविशंकर द्वारा स्थापित संस्था आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में अध्यात्मिकता की पावन लौ प्रज्वलित करने हेतू गहन ध्यान शिविर का शुभारंभ तीन बार ऊँ के पवित्र उच्चारण के साथ किया गया।

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आजादी के 75वें महोत्सव पर अनेकों प्रोजेक्टों की शुरूआत

आचार्या अल्पना मित्तल ने बताया कि वेदविज्ञान महाविद्यापीठ कपिस्थल आश्रम, कैथल में स्वामी दिव्यतेज के पावन सानिध्य में साधक ज्ञान-ध्यान, सत्संग, अदभुत सुदर्शन क्रिया, बौद्धिक एवं दार्शनिक वार्तालाप के अतिरिक्त गहरे ध्यान, मौन तथा विशिष्ट क्रियाओं-प्रक्रियाओं के माध्यम से दृष्टा भाव में उतरकर आत्मबोध, आत्मदर्शन, आत्मविश्लेषण एवं आत्मसाक्षात्कर की दिव्य अनुभूति अर्जित कर पाएँगे। शिविर में स्वामी दिव्यतेज ने पर्यावरण दिवस के अवसर पर आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा सम्पूर्ण भारत में कार्यान्वित किए जा रहे सेवा कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत, आर्ट ऑफ लिविंग संस्थान 75 नदियों का पुनरुद्धार, 75 लाख वृक्षों का रोपण, सुदूर गांवों के 75 स्कूलों में सौर ऊर्जा यंत्र लगाना, 75 कौशल विकास केंद्रों की स्थापना और जेलों में 75 डिजिटल साक्षरता केंद्रों की स्थापना करेगा।

कुछ मुख्य अभियानों की घोषणा

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आर्ट ऑफ लिविंग ने आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत कुछ मुख्य अभियानों की घोषणा की, जो एक सतत, शांतिपूर्ण, मजबूत और हरे-भरे भारत के निर्माण में लंबे समय तक चलेंगे। नदी पुनरुद्धार प्रोजेक्ट के अन्तर्गत ,भारत के 5 राज्यों में 41,000 से अधिक पुनर्भरण संरचनाओं के निर्माण और 656944 वृक्ष लगाकर ,49 से अधिक नदियों का पुनरुद्धार किया गया। आर्ट ऑफ लिविंग के स्वयंसेवकों ने विश्व भर में 8.1 करोड़ वृक्ष लगाए। आर्ट ऑफ लिविंग ने 52 कौशल विकास केंद्रों की स्थापना की और 22 कौशल विकास केन्द्र जेलों में लगाए। आर्ट ऑफ लिविंग ने 145 स्कूलों में सौर ऊर्जा यंत्रों की स्थापना की ,जिनमें से 20 स्कूल सुदूर गांवों में थे। इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए आजादी का अमृत महोत्सव में ,आर्ट ऑफ लिविंग संस्थान 75 नदियों का पुनरुद्धार करेगा, 75 लाख वृक्ष लगाए जाएंगे, 75 कौशल विकास केंद्रों की स्थापना की जाएगी, जेलों में 75 डिजिटल साक्षरता केंद्र खोले जाएंगे और सीमा पर मौजूद गांवों में 75 स्कूलों में सौर ऊर्जा यंत्र लगाए जाएंगे। इस अवसर पर,गुरुदेव श्री श्री रविशंकर, वैश्विक मानवतावादी एवम् आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक ने कहा कि, इस पर्यावरण दिवस पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाते आइए हम सब मिलकर जल,वायु और धरती को शुद्ध करने का संकल्प करें। जल की प्रत्येक बूंद को बचाएं।

हमारे संस्थान ने 75 नदियों का पुनरुद्धार करने की जिम्मेदारी ली है। हमें सौर और वायु ऊर्जा का समर्थन करने और लोगों को इसका प्रयोग करने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है। स्वामी दिव्यतेज ने कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग पिछले 40 वर्षों से संकटपूर्ण क्षेत्रों में सतत विकास के कार्य कर रहा है और प्रत्येक व्यक्ति इसके परिणामों को देख रहा है। हम न सिर्फ नदियों का पुनरुद्धार और जल स्तर में वृद्धि के लिए ही काम कर रहे हैं , अपितु स्थानीय समुदायों का निर्माण एवम् सशक्तिकरण भी कर रहे हैं। हमारे नदी पुनरुद्धार प्रोजेक्टों से लगभग12,000 गांवों के 3.45 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं।

आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा सेवा कार्य जारी

कुछ मुख्य प्रोजेक्टों में नदी पुनरुद्धार,प्राकृतिक खेती,कौशल विकास ,फ्री स्कूल ,आपदा राहत,महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास,कैदी पुनर्वास और शांति के लिए पहल करना शामिल हैं। देशभर में प्राकृतिक खेती में 22,00,000 किसानों को प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें से 1,15,000 किसान आत्महत्या प्रवण क्षेत्र के हैं। 2018 – 2020 तक 24959 किसानों को प्रशिक्षण दिया गया,जिनमें 28.8त्न महिलाएं थीं। युवाओं को फार्म मैनेजर बनने के लिए भी प्रशिक्षण दिया गया। इन प्रयासों से रासायनिक खेती की तुलना में प्रति एकड़ लागत में 80 तक की कमी आई। जबकि 56,157 एकड़ जमीन को जलवायु अनुकूल कृषि भूमि में परिवर्तित किया गया। स्वामी दिव्यतेज ने कहा कि राष्ट्रीय हितों के दृष्टिगत ग्रामीण क्षेत्रों में बहुआयामी विकास हेतू आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा सेवा कार्य जारी रखने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग के सभी स्वयंसेवक संकल्पबद्ध हैं। इस आयोजन की सफलता तय करने में सभी स्वयंसेवकों ने सराहनीय योगदान प्रदान किया।

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