75th Constitution Day: देश आज मना रहा संविधान की 75वीं वर्षगांठ, पुराने संसद भवन में राष्ट्रपति खास कार्यक्रम को करेंगी संबोधित 

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75th Constitution Day: देश आज मना रहा संविधान की 75वीं वर्षगांठ, राष्ट्रपति खास कार्यक्रम को करेंगी संबोधित 
75th Constitution Day: देश आज मना रहा संविधान की 75वीं वर्षगांठ, राष्ट्रपति खास कार्यक्रम को करेंगी संबोधित 

Today Constitution Day, (आज समाज), नई दिल्ली:  देश आज संविधान अपनाए जाने की की 75वीं सालगिरह मना रहा है। पुरानी संसद परिसर के सेंट्रल हॉल में इस मौके पर विशेष कार्यक्रम होगा और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी।

  • आज ही के दिन 1949 में अपनाया गया संविधान
  • 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ कॉन्स्टिट्यूशन

प्रधानमंत्री सहित सभी सांसद रहेंगे मौजूद 

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित सभी सांसद इस अवसर पर मौजूद रहेंगे। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी प्रोग्राम में उपस्थित रहेंगे। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने यह जानकारी दी। संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर, 1949 को संविधान संविधान अपनाया गया था और 26 जनवरी, 1950 को यह  लागू हुआ था।

प्रधानमंत्री कार्यक्रम को संबोधित नहीं करेंगे

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, सेंट्रल हॉल में समारोह के दौरान हम उसी कक्ष में बैठेंगे जहां संविधान सभा की बैठकें हुई थीं और संविधान को अपनाया गया था। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री कार्यक्रम को संबोधित नहीं करेंगे। संसदीय कार्य मंत्री  ने कुछ विपक्षी दलों पर वास्तविक व्यवस्था को जाने बिना प्रतिक्रिया देने का आरोप लगाया। उन्होंने , हमने मंच पर लोकसभा और राज्यसभा दोनों के विपक्ष के नेताओं के बैठने की व्यवस्था की है।

संविधान न मुद्रित, न ही टाइप किया गया है

विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने इससे पहले सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर उनसे संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय मल्लिकार्जुन खड़गे को संविधान दिवस पर आयोजित होने वाले समारोह के दौरान बोलने की अनुमति देने का आग्रह किया। संविधान को तैयार करने के लिए सभा ने दो साल और 11 महीने की अवधि में 11 सत्र और 167 दिन तक बैठक की।

संविधान हिंदी-अंग्रेजी दोनों में हस्तलिखित और सुलेखित

भारत का संविधान न तो मुद्रित है और न ही टाइप किया गया है। यह हिंदी और अंग्रेजी दोनों में हस्तलिखित और सुलेखित है। हर पृष्ठ को नंदलाल बोस के नेतृत्व में शांतिनिकेतन के कलाकारों द्वारा सजाया गया था। अपने गोद लेने के समय, संविधान में 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थीं और यह लगभग 145,000 शब्दों का था, जिससे यह अब तक अपनाया गया सबसे लंबा राष्ट्रीय संविधान बन गया। अब इसमें 12 अनुसूचियां हैं और इसमें 106 बार संशोधन किया जा चुका है।

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