Aaj Samaj (आज समाज), 75 Rupee Coin, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर 75 रुपए का सिक्का जारी किया है लेकिन काफी लोग इस बात से बेखबर होंगे कि क्या यह सिक्का जनरल सकुर्लेशन के लिए है। क्या इस सिक्के को आम लेनदेन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका जवाब है न यह जनरल सकुर्लेशन के लिए है न ऐसे सिक्कों का लेनदेन के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता है, क्योंकि वे व्यापक उपयोग के लिए नहीं होते हैं।
- प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन के उद्घाटन पर जारी किया है कॉइन
- यह न जनरल सर्कुलेशन के लिए है और लेनेदेन के यूज के लिए
1964 के बाद से ऐसे 150 कॉइन जारी किए
पीएम ने जो 75 रुपए का स्मारक सिक्का जारी किया है, ऐसे सिक्के किसी खास मौके पर जारी किए जाते हैं। 1964 के बाद से अब तक इस तरह के 150 कॉइन जारी किए जा चुके हैं। 75 रुपए के इस सिक्के से कोई खरीदारी नहीं की जा सकती है। इसके के आधे हिस्से (50 फीसदी) में चांदी शामिल है, जिसके कारण सिर्क्क का धात्विक मूल्य उसके कानूनी मूल्य से अधिक है।
50 फीसदी चांदी के अलावा जस्ता, तांबा व निकल से बनाया
75 रुपए के सिक्के पर नए संसद भवन परिसर का शिलालेख होगा और इमारत की छवि होगी। इसे बनाने में 50 फीसदी चांदी के अलावा 40 फीसदी तांबा, पांच फीसदी निकल और पांच फीसदी ही जस्ता से लगा है।
वर्ष को चिन्हित करने के लिए संसद भवन के चित्र के नीचे ‘2023’ उकेरा जाएगा।
सिक्के के एक तरफ अशोक स्तंभ व ‘सत्यमेव जयते’
सिक्के के एक तरफ अशोक स्तंभ का सिंह शीर्ष व वाक्यांश ‘सत्यमेव जयते’ होगा। बार्इं और दार्इं तरफ क्रमश: अंग्रेजी व देवनागरी लिपि में ‘भारत’ और ‘इंडिया’ लिखा होगा। सिंह शीर्ष के नीचे सिक्के पर रुपए का चिह्न और 75 का मूल्य लिखा होगा। सिक्के के पिछले हिस्से पर संसद परिसर को दर्शाया जाएगा। ऊपरी परिधि पर ‘संसद संकुल’ शब्द देवनागरी लिपि में और निचली परिधि पर ‘पार्लियामेंट कॉम्प्लेक्स’ अंग्रेजी में लिखा होगा।
इस तरह खरीद सकते हैं 75 रुपए का सिक्का
यदि आप स्मारक सिक्के खरीदना चाहते हैं तो सिक्योरिटीज आॅफ प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉपोर्रेशन आॅफ इंडिया लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल) की वेबसाइट पर जाएं। अब तक, 75 रुपए का सिक्का वेबसाइट पर सूचीबद्ध नहीं है, लेकिन इस तरह के सिक्कों को यहां से आसानी से खरीदा जा सकता है।
75 रुपए के सिक्के में लगी अकेली सामग्री की कीमत कम से कम 1,300 रुपए है। इस मुद्रा को किस कीमत पर खरीदा जा सकता है, यह जानने के लिए किसी को अतिरिक्त सरकारी सूचना का इंतजार करना होगा।
चार टकसाल करते हैं सिक्कों का निर्माण
भारत सरकार के चार टकसाल, नोएडा, कोलकाता, मुंबई और हैदराबाद हैं जो इन सिक्कों का निर्माण करते हैं। ऐसे सिक्के अक्सर छोटे बैचों में विशेष मार्केटिंग पैकेजिंग में बनाए जाते हैं। 2011 का सिक्का अधिनियम संघीय सरकार को सिक्के बनाने का अधिकार देता है। आरबीआई की जिम्मेदारी उन सिक्कों के वितरण तक सीमित होती है जो केंद्र सरकार प्रदान करती है।
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