Border Area : भारत की स्थल आकृति उल्लेखनीय रूप से विविधतापूर्ण है जिसमें छोटी दूरी पर परिदृश्य अक्सर बदलते रहते हैं। जिज्ञासु यात्रियों के लिए देश में कई सीमावर्ती क्षेत्र (Border Area) हैं जहां कोई इन भौगोलिक परिवर्तनों को प्रत्यक्ष रूप से देख सकता है।

जहां कुछ सीमावर्ती क्षेत्र आराम से टहलने की अनुमति देते हैं, वहीं अन्य क्षेत्रों में यात्रियों को पड़ोसी देशों में जाने के लिए परमिट प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। हम आपको कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों की जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं…

अटारी बॉर्डर, पंजाब (भारत-पाकिस्तान) Border Area

Atari-Wagah Border

पंजाब की कोई भी यात्रा अटारी बॉर्डर (Atari Border) की यात्रा के बिना पूरी नहीं मानी जाएगी जोकि भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) को अलग करने वाली भौगोलिक सीमा है।

यहां हर दिन विशेष रिट्रीट समारोह (retreat ceremony) आयोजित किया जाता है जो किसी आकर्षक कार्यक्रम से कम नहीं होता और इसमें सैकड़ों पर्यटक शामिल होते हैं। समारोह के दौरान दोनों देशों के बीच के द्वार केवल कुछ मिनटों के लिए खुलते हैं और दोनों ओर के सैनिक एक-दूसरे को सम्मान देते हैं।

नाथू ला दर्रा, सिक्किम (भारत-चीन) Border Area

Nathu La Border

14 हजार 140 फुट की ऊंचाई पर स्थित नाथू ला (Nathu La) हिमालय क्षेत्र में उच्च पर्वतीय दर्रा है और भारत में सिक्किम और चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के बीच सीमा के रूप में कार्य करता है।

यह स्थान भारत और चीन के बीच 3 खुली व्यापारिक सीमा चौकियों में से एक है। इस क्षेत्र के लुभावने सुंदर परिदृश्यों को देखने के लिए इस स्थान पर जाएं और भारत-चीन के बीच रेशम व्यापार मार्ग को देख सकते हैं।

मोरेह, मणिपुर (भारत-म्यांमार) Border Area

Moreh Manipur

भारत-म्यांमार सीमा पर भारत-म्यांमार मैत्री द्वार है। यह देखने के लिए सभी को एक बार तो अवश्य जाना चाहिए कि कैसे दो देश शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व में रह सकते हैं।

भारत की सबसे पूर्वी सीमा पर स्थित मोरेह (Moreh) म्यांमार (Mayanmar) की सीमा पर भारत में विकासशील व्यापार बिंदु बनने में कामयाब रहा है।

कच्छ का रण, गुजरात (भारत-पाकिस्तान) Border Area

Kachh ka Ran

गुजरात के कच्छ (kachh ka ran) जिले में स्थित यह एक और जगह है जो भारत की सीमा को दूसरे देश से जोड़ती है। रेगिस्तान भी भारत को पाकिस्तान से जोड़ता है और सफेद रेगिस्तान की खूबसूरती का अनुभव करने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है।

जयगांव, पश्चिम बंगाल (भारत-भूटान) Border Area

Jaigaon Border

भारत-भूटान सीमा को अलग करने वाला सिर्फ एक गेट है। इस जगह के बारे में दिलचस्प बात यह है कि कोई भी पासपोर्ट के बिना सीमा पार कर सकता है।

जयगांव (jaigaon) वह शहर भी है जो दोनों देशों को जोड़ता है और यह एकमात्र ऐसी जगह है जो जमीन के रास्ते भूटान (Bhutan) में प्रवेश की सुविधा देती है।

भारत के लोग सीमा पार करने, 5 किलोमीटर तक भूटान घूमने और बिना किसी परेशानी के वापस लौटने का मजा ले सकते हैं इसलिए जब आप पश्चिम बंगाल (west bengal) में हों तो भूटान की इस छोटी और आसान यात्रा को न भूलें।

डॉकी, शिलांग (भारत-बांग्लादेश) Border Area

Dawki

यह छोटी-सी सीमा है जो मेघालय (meghalya) के पश्चिमी जैंतिया हिल्स (western jaintiya hills) जिले में स्थित है। इस जगह की खूबसूरती को देखने के लिए दुनियाभर से पर्यटक यहां आते हैं। यह पूर्वोत्तर गंतव्य अपनी क्रिस्टल क्लियर डॉकी (dawki) या उमंगोट नदी (umangot river) और बांग्लादेश (bangladesh) के साथ इसके संबंध के लिए जाना जाता है। दिलचस्प बात यह है कि उंगमोट नदी दोनों देशों को अलग करती है और भारत-बांग्लादेश सीमा पर गिरती है।

धनुषकोडी, तमिलनाडु (भारत-श्रीलंका) Border Area

Dhanushkodi

दक्षिण भारत में यह प्राकृतिक सुंदरता रोमांच प्रेमियों के लिए घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है। 1964 में रामेश्वरम (rameshwaram) चक्रवात के आने के बाद से पम्बन द्वीप (tamilnadu) का यह दक्षिण-पूर्वी छोर ज्यादातर निर्जन रहा है।

अब यहां ज्यादातर उस तबाही के खंडहर ही देखने को मिलते हैं। यह जगह (dhanushkodi) श्रीलंका (srilanka) की बस्ती तलाईमन्नार से लगभग 29 किलोमीटर दूर है और श्रीलंका-भारत को जोड़ने वाला बिंदु होने के अलावा इस जगह का हिंदुओं के लिए पौराणिक महत्व भी है।

हिंद महासागर और दूसरी तरफ बंगाल की विशाल खाड़ी (bay of bengal) के नजारों का आनंद लेने के लिए इस जगह पर जरूर जाएं।

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